'न पेड़ कटेगा न मवेशी मारा जायेगा'

शर्तों के साथ कोटि के राजा ने लीज़ पर दिया था 'दि रिट्रीट'
हिमाचल की राजधानी शिमला के मशोबरा में स्थित राष्ट्रपति निवास ‘दि रिट्रीट’ को पूर्व में प्रेजिडेंशियल रिट्रीट कहा जाता था। वर्ष 1850 में इस ऐतिहासिक भवन का निर्माण हुआ था। इसे लॉर्ड विलियम ने कोटि के राजा से लीज़ पर लिया था, लेकिन राजा ने लीज़ पर देने से पहले कुछ दिलचस्प शर्तें रखी थीं। इन शर्तों में कहा गया था कि शिमला और मशोबरा गांव से दो सड़कें आम जनता के लिए खुली रहेंगी, यहाँ कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा और किसी भी मवेशी को मारा नहीं जाएगा। लीज़ पर देने के कुछ साल बाद, 1886 में कोटि के राजा ने यह भवन वापस ले लिया।
लेकिन 1895 में तत्कालीन वायसराय ने इस भवन पर दोबारा कब्ज़ा कर लिया। उस समय वायसराय यहां सप्ताहांत और छुट्टियां बिताने आया करते थे। देश की आज़ादी के बाद इस भवन को राष्ट्रपति निवास के रूप में तब्दील कर दिया गया। देवदार के पेड़ों से घिरे इस आलीशान भवन का समृद्ध इतिहास रहा है। निर्माण के लगभग 175 साल बाद भी इस इमारत की चमक लोगों को आकर्षित करती है। राष्ट्रपति भवन में पहले आम लोगों की आवाजाही पर रोक थी, लेकिन 23 अप्रैल 2023 को इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया।
भारतीय नागरिक ₹50 और विदेशी नागरिक ₹250 शुल्क देकर राष्ट्रपति भवन का दीदार कर सकते हैं। यहां लोग राष्ट्रपति के जीवन से जुड़ी स्मृतियाँ, डाइनिंग हॉल, बगीचे, ट्यूलिप गार्डन, सजावटी फूल और अन्य कलाकृतियाँ देख सकते हैं।