ऊना : प्रदेश में आपातकाल को आज काला दिवस मनाएगी भाजपा
जेल में रहे सत्याग्रहियों को मंडल और जिला में करेंगे सम्मानित
भाजपा कार्यकर्ताओं से अपील घर में जलाएं 5 दीपक
ममता भनोट। ऊना
भारतीय जनता पार्टी के सचिव व कार्यक्रम संयोजक तिलक राज व प्रदेश सह मीडिया प्रभारी व सह संयोजक सुमीत शर्मा ने यहाँ मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में 25 जून को इतिहास का काला दिवस करा दिया है। उन्होंने बताया कि 25 जून को आपातकाल का काला दिवस उस समय की इंदिरा गांधी और कांग्रेस की सरकार की तानाशाही, परिवारवाद, सत्ता प्रेम और अवसरवादी सोच और नीतियों के विरोध में लगातार गत 45 वर्षों से मनाया जाता है।तिलक राज व सुमीत ने बताया कि इस आपातकाल के लिए देश की जनता कांग्रेस को कभी भी माफ नहीं करेगी और इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी ने इंदिरा गांधी और कांग्रेस की उस वक़्त की दमनकारी, तानाशाही, सत्ता प्रेम और अवसरवादी सोच नीतियों को जन तक पहुंचाने के मण्डल, जिलों सहित पूरे प्रदेश के अंदर आपातकाल को काला दिवस मनाने का कार्यक्रम के आयोजन करने जा रही है और आपातकाल के समय जेल में रहे सत्याग्रहियों को 25 जून के दिन अपने अपने मंडल और जिला स्तर पर सम्मानित करने का काम करेगी और भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्त्ता अपने घर में इस काले दिन के दागों को भुलाने के लिए 5 दीपक जलाने का काम अपने घरों में करेंगे।
उन्होंने बताया कि 25 जून 1975 को देश के आमजन के अधिकारों को उस वक़्त की इंदिरा सरकार ने दमन कर दिया था।इस लिए आपातकाल को देश के अंदर काला दिवस के रूप में मनाया जाता है। यही नहीं भारतीय जनता पार्टी के बहुत से वरिष्ठ नेता जिन्होंने उस वक्त की इंदिरा सरकार की नीतियों के विरोध में आवाज उठाई थी जिसमे जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे सरीखे नेताओं को भी रातों-रात सलाखों के पीछे पहुंचाया गया था।वहीं हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, महिला नेता श्यामा शर्मा, पूर्व मंत्री प्रवीण शर्मा के साथ-साथ महेंद्र सोफ्त और स्वर्गीय जगत सिंह नेगी को भी सरकार के जुल्मों के खिलाफ आवाज उठाने के चलते अन्य जनसंघ नेताओं के संग जेल में भेज दिया गया था।