हिमाचल के एकलव्य सूद दिखेंगे विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द बंगाल फाइल्स में

हिमाचल के युवा अभिनेता एकलव्य सूद ने संघर्षों से लड़कर अब मुंबई फिल्म इंडस्ट्री में कदम जमा लिए हैं। लंबे समय तक कठिनाइयों और संघर्ष का सामना करने के बाद एकलव्य को बड़ी सफलता मिली है।
एकलव्य सूद मशहूर फिल्म निमार्ता विवेक अग्निहोत्री की आने वाली फिल्म द बंगाल फाइल्स में बतौर अभिनेता नजर आने वाले हैं। उनकी इस उपलब्धि से हिमाचल में खुशी की लहर है। बता दें कि एकलव्य सूद ने सबसे पहले फिल्मों में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम शुरू किया और धीरे-धीरे अभिनय और लेखन में भी सक्रिय हो गए। जहां हिमाचल की वादियों में शूट की गई उनकी पहली स्वतंत्र फिल्म ट्रैक टु नैवरलैंड ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 13 अवॉर्ड्स जीते, जिनमें 5 बेस्ट एक्टर अवॉर्ड भी शामिल हैं। इसके बाद उन्हें पहला बड़ा मौका सोनी लीव की वेब सीरीज रायसिंघानी में मिला, जहाँ उन्होंने जेनिफर विंगेट, करण वाही और रीम शेख जैसे कलाकारों के साथ काम किया।
अभिनेता एकलव्य सूद की माता प्रदेश की उपाध्यक्ष है। जोकि महिला मोर्चा की राज्य अध्यक्ष रह चुकी है। रश्मि धर सूद का कहना है कि यह मुकाम पाना उनके बेटे के लिए आसान नहीं था। लेकिन जुनून, कड़ी मेहनत और अपने सपनों पर भरोसे ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है, और हिमाचल का नाम भी रोशन किया है। रश्मि सूद ने सभी प्रदेशवासियों से फिल्म देखने की अपील की।
हिमाचल प्रदेश के रहने वाले एकलव्य सूद ने अपने अभिनय का सफ़र बहुत छोटी उम्र से ही थिएटर में शौक़िया तौर पर शुरू किया। पढ़ाई शिमला के प्रतिष्ठित बिशप कॉटन स्कूल से हुई, जहाँ उन्होंने कई नाटकों में अभिनय किया। कॉलेज के बाद उन्होंने पेशेवर थिएटर का रुख़ किया और उन्हें दो बार शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर के मंच पर प्रदर्शन करने का अवसर मिला। एकलव्य सूद, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रश्मि धर सूद के सुपुत्र हैं। परिवार से मिले संस्कारों और समर्थन ने उन्हें अपने सपनों को पूरा करने की प्रेरणा दी।इसके बाद एकलव्य ने पुणे के एफटीआईआई से फिल्म एप्रीसिएशन कोर्स किया और फिर मुंबई का रुख़ किया।
अभिनेता एकलव्य सूद ने अपनी आने वाली फ़िल्म द बंगाल फ़ाइल्स में एक महत्वपूर्ण किरदार निभाया है। वह अमरजीत अरोड़ा का रोल कर रहे हैं — एक सिख जो 1930 के दशक में कोलकाता आया और 1940 के दशक में रेड क्रॉस से जुड़ गया। अमरजीत एक योद्धा की तरह जीवन जीता है, जो गुरु गोबिंद सिंह जी की उस सीख को मानता है कि जब जीवन पर संकट आए तो संघर्ष करना ही धर्म है। द अमरजीत का किरदार इस जज़्बे और जद्दोजहद का प्रतीक है।
एकलव्य सूद ने दैनिक सवेरा से बात करते हुए कहा कि यह भूमिका उनके लिए बेहद खास है क्योंकि इसमें न केवल अभिनय की चुनौती थी, बल्कि इतिहास और मानवीय संवेदनाओं को समझने का अवसर भी मिला । हिमाचल की मिट्टी से जुड़े एकलव्य सूद आज अभिनय की दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं और आने वाले समय में उनसे और भी बड़े कामों की उम्मीद की जा रही है।