अवैध कटान के मामले में जांच करने धर्मपुर पहुंची केंद्रीय टीम, वन विभाग के अधिकारियों से भी की पूछताछ
धर्मपुर में कथित अवैध कटान के मामले की जांच के लिए बुधवार को पहुंची तीन सदस्यीय केंद्रीय टीम धर्मपुर पहुंची । टीम ने मौके पर गहन पड़ताल की। टीम ने न केवल वन विभाग के अधिकारियों से विस्तृत पूछताछ की, बल्कि वहां डंप की गई लकड़ी की नाप-जोख भी की। केंद्रीय टीम, जिसमें डीडीजी चेन्नई जार्ज, डीसीएफ देहरादून सुशांत और एक अन्य अधिकारी शामिल थे, को सीएफ मृत्युंजय और डीएफओ कमल भारती ने पूरे मामले की जानकारी दी। जांच के दौरान टीम के सदस्यों ने वन विभाग के अधिकारियों से यह स्पष्ट रूप से पूछा कि यहां एकत्रित की गई लकड़ी के संबंध में क्या विभागीय अनुमति प्राप्त की गई थी। इस पर वन विभाग के अधिकारियों ने टीम को बताया कि यह लकड़ी स्थानीय लोगों की निजी भूमि से काटी गई है और इसके लिए विधिवत परमिट जारी किए गए थे। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि प्रतिबंधित प्रजातियों की लकड़ी को पहचान कर अलग कर दिया गया है। जांच टीम ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे मौके पर एकत्रित किए गए सभी तथ्यों के आधार पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेंगे। इस मामले के शिकायतकर्ता सुरेंद्र ठाकुर ने टीम के समक्ष कई महत्वपूर्ण तथ्य रखे और यह भी कहा कि उनके पास कुछ और महत्वपूर्ण सुराग हैं, जिन्हें वे जल्द ही टीम को सौंप देंगे। टीम ने उनसे अनुरोध किया कि वे सभी संबंधित दस्तावेज यथाशीघ्र उपलब्ध कराएं। मीडिया ने जब इस संबंध में केंद्रीय टीम से प्रतिक्रिया जानने का प्रयास किया, तो टीम के सदस्यों ने किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने केवल इतना कहा कि जांच रिपोर्ट तैयार करके उच्चाधिकारियों को भेज दी जाएगी। इस मामले में पहले स्थानीय स्तर पर भी जांच हुई थी, जिसके बाद कुछ अनियमितताएं सामने आई थीं। शिकायतकर्ता सुरेंद्र ठाकुर ने वन विभाग के कुछ अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया था और मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी। इसी मांग के चलते केंद्रीय टीम को जांच के लिए भेजा गया है। अब सभी की निगाहें केंद्रीय टीम की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे इस मामले में आगे की कार्रवाई तय होगी।
