हमीरपुर में लोकल दूध का सैंपल फेल, कैल्शियम के बजाय यूरिया मिला

हमीरपुर जिला मुख्यालय में लोकल दूध का सैंपल फेल हुआ है। खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से मोबाइल वैन में सैंपल की जांच की गई तो दूध में कैल्शियम की जगह अधिक मात्रा में यूरिया तत्व पाए गए हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक हैं। विभाग द्वारा लिए गए एक लोकल दूध के सैंपल में कैल्शियम के बजाय 7.47 प्रतिशत यूरिया पाया गया है। यह पहली बार है जब हमीरपुर जिले में लोकल दूध के सैंपल में यूरिया के तत्व पाए गए हैं, जिससे लोगों में घबराहट और चिंता फैल गई है। इस परीक्षण के दौरान यह बात सामने आई कि दूध में यूरिया का कारण मिलावट नहीं है, बल्कि यह यूरिया गाय के चारे में शामिल हो सकता है, जिससे यह दूध में पहुंच गया। खाद्य सुरक्षा विभाग ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और विभाग के अधिकारियों का कहना है कि चारा में यूरिया मिलाने से यह समस्या उत्पन्न हो सकती है, जिसे पशुपालकों को नियंत्रित करने की आवश्यकता है। खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त, अनिल शर्मा ने बताया कि विभाग इस समय पूरी तरह से सतर्क हो गया है और जिले भर से गाय और भैंस के दूध के सैंपल एकत्रित किए जाएंगे ताकि दूध की गुणवत्ता की जांच की जा सके और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके। विभाग ने यह भी कहा कि पिछले कुछ दिनों में जिले से 15 दूध के सैंपल एकत्र किए गए थे, जिनमें से एक सैंपल फेल पाया गया है। इस सैंपल को एक व्यक्ति ने दूध की गुणवत्ता की जांच के लिए लाया था, क्योंकि उसे स्थानीय गाय पालक से प्राप्त दूध की गुणवत्ता पर संदेह था। जांच के दौरान यह पाया गया कि दूध में यूरिया की अधिक मात्रा थी, जो आश्चर्यजनक था। इस घटना के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि अब पूरे जिले में गाय और भैंस के दूध के सैंपल लिए जाएंगे ताकि दूध की गुणवत्ता की गहनता से जांच की जा सके और जनता के स्वास्थ्य के साथ कोई समझौता न हो। खाद्य एवं सुरक्षा विभाग की जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी, मधुबाला ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि विभाग पहले पैक्ड दूध के सैंपल पर ध्यान दे रहा था, लेकिन अब लोकल दूध में यूरिया पाए जाने के बाद पूरी प्रक्रिया को और सख्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभाग अब पूरे जिले में दूध की गुणवत्ता जांचने के लिए हर संभव कदम उठाएगा। इसके अलावा, उन्होंने लोगों से अपील की है कि यदि उन्हें दूध में मिलावट या गुणवत्ता के बारे में कोई संदेह हो, तो वे तुरंत विभाग से संपर्क करें ताकि जल्द से जल्द कार्रवाई की जा सके।