क्या गुल खिलायेगा राजेंद्र ठाकुर का अर्की से विधानसभा वाया हरिद्वार प्लान

1967 में हीरा सिंह पाल अर्की से निर्दलीय चुनाव जीते थे। इसके बाद से अर्की में कोई निर्दलीय चुनाव नहीं जीता। इस फेहरिस्त में वरिष्ठ कांग्रेस नेता धर्मपाल ठाकुर का नाम भी है जो 2007 में टिकट काटने के बाद दमदार तरीके से निर्दलीय चुनाव तो लड़े, लेकिन जीत नहीं सके। अब फिर एक निर्दलीय ने अर्की में राजनैतिक दलों की फिरकी ली है और कांग्रेस-भाजपा दोनों की धुकधुकी बढ़ाई हुई है। ये प्रत्याशी है राजू के नाम से प्रसिद्ध राजेंद्र ठाकुर, जो पिछले वर्ष हुए उपचुनाव में संजय अवस्थी को टिकट दिए जाने के बाद कांग्रेस छोड़ चुके है। राजेंद्र ठाकुर वीरभद्र सिंह के करीबी रहे है और वे बेशक निर्दलीय हो लेकिन वीरभद्र सिंह के चेहरे को आगे रखकर ही आगे बढ़ते रहे है। पिछले वर्ष राजा वीरभद्र सिंह के निधन के उपरांत हुए उपचुनाव में राजेंद्र ठाकुर ने स्थिति भांपते हुए बतौर निर्दलीय ताल नहीं ठोकी थी, लेकिन तब से ही वे विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए। इनकी तैयारी का तरीका भी कमाल का रहा। हज़ारों महिलाओं को इन्होंने गंगा स्नान के लिए हरिद्वार भेजा और विधायक बनने पर वृन्दावन भेजने का वचन भी दिया। बदले में महिलाओं ने भी दिल खोलकर आशीर्वाद दिया। अब ये आर्शीवाद अगर फला है तो राजू इस बार विधायक बन सकते है, इसमें कोई संशय नहीं है।
वहीं भाजपा ने इस बार दो चुनाव हार चुके रतन पाल का टिकट काटकर इस बार पार्टी ने दो बार विधायक रहे गोविंद राम शर्मा को मैदान में उतारा है। बाहरी तौर पर तो भाजपा एकजुट दिखी है लेकिन भीतरघात की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में भाजपा की राह यहाँ आसां तो बिलकुल नहीं लगती। उधर कांग्रेस ने अपेक्षा के मुताबिक संजय अवस्थी को ही टिकट दिया है। पिछले साल उपचुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने संजय अवस्थी को काम करने के लिए चंद माह ही मिले है और ऐसे में जाहिर है उनको लेकर कोई एंटी इंकम्बेंसी भी नहीं दिखती। बहरहाल राजेंद्र ठाकुर ने अर्की की जंग रोचक कर दी है और यहाँ किसी की जीत की कोई गारंटी नहीं। यहाँ ये भी गौर करना होगा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ब्राह्मण उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, साथ ही ये भी सम्भावना है कि ठाकुर ने दोनों के काडर में भी कुछ सेंध लगाई हो। हालांकि अर्की में कर्मचारियों की खासी तादाद है और ओपीएस फैक्टर के भरोसे कांग्रेस नैया पार लगाने को आश्वस्त जरूर है।