गरीबी नहीं, गरीबों को मिटा रही कांग्रेस सरकार:बिक्रम ठाकुर

हिमाचल प्रदेश के पूर्व उद्योग मंत्री एवं जसवां प्रागपुर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर ने कांग्रेस सरकार द्वारा जारी की गई बीपीएल से संबंधित गाइडलाइन को गरीब विरोधी बताते हुए कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार गरीबी नहीं बल्कि गरीबों को ही मिटाने का कार्य कर रही है ।
यहां जारी एक प्रेस बयान में पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार ने लोगों से हजारों रुपए प्रमाण पत्रों पर खर्च करवा कर गरीब लोगों को बीपीएल और अंत्योदय सूची से बाहर करने का घिनौना कार्य किया है । नई गाइडलाइन में ऐसी शर्तों को जोड़ा गया है , जिससे लाखों परिवार बीपीएल और अंत्योदय सूची से बाहर हो जाएंगे । उन्होंने 18 से 59 बर्ष तक की आयु के पुरुषों से संबंधित परिवारों को बीपीएल सूची से हटाने के निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि प्रदेश के अंदर ऐसा पहली बार हुआ है , जब जरूरतमंद लोगों को जबरन बीपीएल और अंत्योदय सूची से हटाया जा रहा है । सबसे ज्यादा जरूरतमंद लोग तो 18 वर्ष से 59 वर्ष के आयु के बीच से ही होते हैं लेकिन सरकार ने अधिसूचना में स्पष्ट किया है कि यदि किसी विधवा के परिवार में 18 वर्ष से ऊपर का पुरुष सदस्य होगा तो उसे बीपीएल सूची में शामिल नहीं किया जाएगा । गाइडलाइन में किए गए बदलाव का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 50% से अधिक विकलांगता की शर्त के साथ-साथ एक शर्त और जोड़ी गई है जिसमें कहा गया है कि जिस परिवार में कमाने वाला सदस्य कैंसर या अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित होगा, उसे ही बीपीएल सूची में जगह मिलेगी । यदि किसी परिवार को आवास योजना के तहत पक्का मकान मिला होगा तो उसे भी बीपीएल सूची से बाहर करने का प्रावधान किया गया है । वहीं 50 हजार से अधिक आय वाले परिवारों को बीपीएल सूची में शामिल न करने का फरमान जारी किया गया है जो कि पूरी तरह से जन विरोधी है क्योंकि बीपीएल और अंत्योदय परिवारों के अलावा किसी अन्य परिवार की सालाना आय 50 हज़ार तहसीलदारों द्वारा नहीं बनाई गई है । इससे लाखों लोग आवेदन करने से वंचित रह गए हैं । एक हैक्टेयर से अधिक भूमि वाले परिवारों को भी सरकार ने नहीं बख्शा है जबकि भाजपा सरकार के समय में दो हैक्टेयर तक भूमि मालिकों को बीपीएल सूची में शामिल किए जाने का प्रावधान था । केवल मात्र आधुनिक और शहरी प्रकार के बड़े मकान के मालिक को बीपीएल सूची में शामिल न किए जाने की शर्त रखी गई थी लेकिन इस सरकार ने किसी परिवार को आवास योजना में मिले मकान को भी पक्के मकान की श्रेणी में शामिल कर दिया है । गाइडलाइन में ऐसी शर्तों को जोड़ा गया है जिससे पंचायतों के अंदर बीपीएल सूची में 5 से 10 फीसदी लोग ही बचेंगे । उन्होंने सरकार पर ग्राम सभाओं की शक्तियां छीनने का आरोप लगाते हुए कहा कि बीपीएल और अंत्योदय परिवारों के चयन का अधिकार ग्राम सभा को है न कि इसके लिए अधिकारी अधिकृत हैं । बिक्रम ठाकुर के अनुसार केंद्र सरकार ग्राम पंचायतों को सुदृढ़ करने के लिए मनरेगा के अलावा 15 वें वितयोग में माकूल बजट उपलब्ध करवा रही है वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्रत्येक पात्र परिवार को पक्का मकान उपलब्ध करवाने के लिए सर्वे करवाया गया है लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार गरीब लोगों की पहचान करने की बजाय उन्हें मिटाने पर तुली हुई है। उन्होंने सरकार पर केंद्र सरकार की योजनाओं की गाइडलाइन के साथ छेड़खानी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार बीपीएल से संबंधित पुरानी गाइडलाइन को बहाल करे अन्यथा प्रदेश के अंदर बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा । उन्होंने सत्यापन समिति में पंचायत प्रधानों को शामिल करने की मांग करते हुए कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में जनप्रतिनिधियों को बाहर करना अनुचित है क्योंकि ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों को अपने गांव और वहां जीवन यापन कर रहे परिवारों की पूरी जानकारी होती है । भाजपा विधायक बिक्रम ठाकुर ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने पुरानी गाइडलाइन को बहाल नहीं किया तो वे जनप्रतिनिधियों तथा बीपीएल और अंत्योदय परिवारों को साथ लेकर सरकार के विरुद्ध धरना प्रदर्शन करेंगे।