सीपीएम ने आपदा पीड़ितों को घर बनाने के लिए 50 हजार की शर्त का किया विरोध

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( मार्क्सवादी ) की जिला कांगड़ा कमेटी ने हिमाचल प्रदेश सरकार की स्वर्ण जयंति आश्रय योजना के तहत बाढ़ पीड़ितों व प्रभावितों को घर बनाने के लिए डेढ़ लाख की राशि आंवटित करने के लिए 50000 तक की आमदनी की शर्त का कड़ा विरोध किया है। पार्टी के जिला सचिव अशोक कटोच ने प्रेस के नाम जारी नोट में कहा कि कल्याण विभाग की इस योजना के अंतर्गत आवेदन की शर्तों मे 50000 रुपये तक की आय वालों को ही 1.50 लाख की राशि के लिए पात्र माना है, जो कि भारी बरसात के चलते घर खोने वालों के साथ न केवल अन्याय है, बल्कि एक तरह से क्रूर मजाक है।
इस तरह की शर्त व्यवहारिक भी नहीं है क्योंकि जो बर्बादी व तबाही हुई है , वो किसी की आमदनी जाति या धर्म देख कर नही हुई है इस की चपेट में अमीर गरीब सभी आए हैं और सभी को आस है कि उनके सिर के ऊपर छत का इंतजाम करने मे सरकार उनकी हर संभव सहायता करे गी।
मार्क्सवादी नेता अशोक कटोच ने अपनी पार्टी की मांग को दोहराया कि घर के बदले घर व बरसात के चलते बह गई जमीन के बदले जमीन दी जाए और सभी बाढ़ पीड़ितों व प्रभवितों को मकान पुर्ननिर्माण के लिए सहायता दी जाए और निर्माण सामग्री की मौजूदा महंगाई को देखते हुए आपदा राहत मे 1.50 लाख की अधिकतम शर्त को हटा कर सहायता राशि बढ़ाई जाए ।
उन्होंने कहा कि इस की पात्रता के लिए 50000 रुपये तक की आय की हास्यास्पद शर्त को हटाया जाये। उन्होंने केंद्र सरकार से भी अपील की है कि इस आपदा से निपटने में हिमाचल सरकार की मदद के लिए राजनीति से ऊपर उठ कर 10,000 करोड़ की एकमुशत राशि उपलब्ध कराए और हिमाचल की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए।