देहरा : केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में खगोलीय यंत्र निर्माण पर 10 दिवसीय कार्यशाला का हुआ आरंभ

केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के बलाहर स्थित वेदव्यास परिसर में सोमवार से दस दिवसीय खगोलीय यंत्र निर्माण कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। इस विशेष कार्यशाला का आयोजन ज्योतिष विभाग द्वारा किया गया है, जिसमें खगोलीय यंत्रों के निर्माण एवं उनके प्रयोगों की विधियों को व्यवहारिक रूप से समझाया जा रहा है। कार्यशाला के संयोजक एवं ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज श्रीमाल ने बताया कि यह कार्यशाला ज्योतिष शास्त्र के विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी, क्योंकि इससे वे न केवल यंत्र निर्माण की प्रक्रिया को समझ सकेंगे, बल्कि सिद्धांतों की सूक्ष्मता व उनके सामाजिक प्रभाव को भी जान पाएंगे।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि कर्नाटक के ख्याति प्राप्त खगोल-गणितज्ञ एवं यंत्र निर्माता वी. शिवशंकर शास्त्री रहे, जबकि सारस्वत अतिथि के रूप में काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी से डॉ. रामेश्वर शर्मा ने सहभागिता की। कार्यक्रम की अध्यक्षता परिसर की निदेशक प्रो. सत्यम कुमारी ने की, और सम्मानित अतिथि के रूप में डॉ. सरोजिनी महिषी महिला संस्कृत अध्ययन एवं अनुसंधान केन्द्र की निदेशिका प्रो. मोहिनी अरोड़ा तथा उपाध्यक्ष के रूप में सह निदेशक प्रो. मञ्जुनाथ एस.जी. उपस्थित रहे।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के आचार्य भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे, जिनमें डॉ. श्रीनाथधर द्विवेदी, डॉ. रूपलाल शर्मा, डॉ. भूपेन्द्र कुमार ओझा और शारीरिक शिक्षा विभागाध्यक्ष डॉ. गौतम चौधरी शामिल हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शैलेश कुमार तिवारी ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. दीप कुमार ने प्रस्तुत किया।
कार्यशाला में ज्योतिष विभाग के अन्य विद्वान डॉ. विनोद शर्मा, डॉ. यज्ञदत्त शर्मा एवं डॉ. गोविन्द नारायण दीक्षित सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी भी उपस्थित रहे। यह कार्यशाला आने वाले दस दिनों तक विद्यार्थियों को ज्योतिष एवं खगोल विज्ञान की परंपरागत और वैज्ञानिक विधाओं से जोड़ने का सशक्त माध्यम बनेगी।