देहरा कॉलेज के स्वयंसेवकों ने लोगों को पढ़ाया स्वच्छता का पाठ

देहरा कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के 30 स्वयंसेवकों ने स्वच्छता ही सेवा अभियान के अंतर्गत नगर परिषद देहरा वार्ड-1 व झुग्गी बस्ती में जाकर लोगों को प्लास्टिक के खतरे और निपटारे के बारे में जागरूक किया।
प्लास्टिक और पॉलीथिन के कारण पृथ्वी और जल के साथ-साथ वायु भी प्रदूषित होती जा रही है। फेंकी हुई प्लास्टिक धीरे-धीरे अपघटित होती है एवं इसके रसायन आसपास के परिवेश में घुलने लगते हैं। यह समय के साथ और छोटे-छोटे घटकों में टूटती जाती है और हमारी खाद्य शृंखला में प्रवेश करती है। अधिकांशत: प्लास्टिक का जैविक क्षरण नहीं होता है। यही कारण है कि वर्तमान में उत्पन्न किया गया प्लास्टिक कचरा सैकड़ों-हजारों साल तक पर्यावरण में मौजूद रहेगा। ऐसे में इसके उत्पादन और निस्तारण के विषय में गंभीरतापूर्वक विचार-विमर्श किये जाने की आवश्यकता है।दुनिया भर में प्रदूषण की समस्या में दिनोंदिन बढ़ोतरी होती जा रही है। इसमें भी प्लास्टिक एक समस्या है जो सबसे अधिक चिंताजनक है क्योंकि यह एक ऐसा पदार्थ होता है, जिसे नष्ट होने में काफी समय लगता है।
केवल इतना ही नहीं इसके कारण पानी से लेकर हवा और भूमि सभी प्रदूषित होते हैं। हमें प्लास्टिक रिसाइकिलंग के बारे में गंभीरता से सोचना होगा और व्यक्तिगत रूप से भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना पड़ेगा, तभी यह धरती सुरक्षित रह सकती है।