देहरा: वेदव्यास परिसर में शिक्षा नीति व धर्म शिक्षा पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के बलाहर स्थित वेदव्यास परिसर में सोमवार को शिक्षा नीति और धर्म शिक्षा विषय पर एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज के उत्तराधिकारी स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी जी व मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे। इन्होंने परिसर में अपने विशिष्ट व्याख्यान के दौरान भारत की नई पीढ़ी को उचित मार्गदर्शन देने का कार्य किया।गौरतलब है कि वाराणसी में धर्म संघ की स्थापना स्वामी करपात्री जी महाराज ने की थी व भारत हिंदू राष्ट्र बने यही उनके जीवन का लक्ष्य था। "धर्मो रक्षति रक्षिता" की उद्घोषणा के साथ-साथ भारत में राम राज्य की स्थापना के लिए स्वामी करपात्री जी महाराज जीवन पर प्रयासरत रहे।
सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता रोहित सिंह ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में वेदव्यास परिसर में उपस्थित छात्र-छात्राओं एवं समस्त स्टाफ के समक्ष अपने विचार रखे। वहीं स्वामी अभिषेक करपात्री जी ब्रह्मचारी ने भगवान राम के जीवन से जुड़े हुई बहुत सारे वृतांत वेदव्यास परिसर के सभागार में मौजूद छात्र छात्राओं स्टाफ के समक्ष रखे। इस दौरान परिसर के निदेशक प्रोफेसर मदन मोहन पाठक सहित बी. एड. विभागाध्यक्ष डा शीशराम, डा श्रीनाथधर द्विवेदी, डा भूपेंद्र ओझा, डा अमित वालिया, डा दीप कुमार, डा विनोद शर्मा , डा श्यामशरण शर्मा, डा पीयूष त्रिपाठी, डा अमरचंद, डा राहुल झा, डा गोविंद पांडे, डा यज्ञदत्त, डा मुकेश शर्मा,आदि एसिस्टेंट प्रोफेसर विशेष रूप से उपस्थित रहे।