शिमला : मुख्यमंत्री से मिला गैर कृषक एकता मंच का प्रतिनिधिमंडल

फर्स्ट वर्डिक्ट। शिमला
गैर कृषक एकता मंच का प्रतिनिधिमंडल शिमला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से गिरीश साहनी की अध्यक्षता में पुनः मिला तथा अपनी मांग का ज्ञापन उन्हे सौंपा। मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया कि हिमाचल प्रदेश टेनेंसी एंड लैंड रिफॉर्म्स एक्ट 1972 की धारा-118 लागू होने से पहले प्रदेश में रह रही केवल दो श्रेणियों (1) दुकानदार/व्यवसायी (2) सरकारी व गैर सरकारी क्ष्रेत्र में कार्यरत लोग जो उपरोक्त एक्ट लागू होने से पहले से प्रदेश में रह रहे थे और पीढ़ी दर पीढ़ी रहते हुए, प्रदेश की सेवा कर रहे हैं। केवल उन पर ही यह एक्ट लागू है। अतः उनको ठीक उसी प्रकार से राहत प्रदान की जाए जैसा कि उक्त एक्ट की धारा-118 (2) में कई वर्गों को जैसे कि (क) भूमिहीन श्रमिक (ख) भूमिहीन अनुसूचित जाति/जनजाति के लोग (ग) ग्रामीण कारीगर (घ) भूमिहीन जो सम्बद्ध कार्य करते हैं, को प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री महोदय को अवगत कराया गया कि मंच के प्रतिनिधियों ने प्रतिपक्ष के जिन विधानसभा सभा सदस्यों को अपनी मांग से अवगत कराया था।
उन्होंने भी मांग को उचित माना तथा एक विधायक महोदय ने लिखित में भी मुख्यमंत्री महोदय को मंच की मांग को मानने के लिए पत्र लिखा था। मुख्यमंत्री से मांग की गई कि विधानसभा के मानसून सत्र में उपरोक्त दो श्रेणियों को टेटेंसी एक्ट में संशोधन कर धारा 118(2) में पहले से शामिल श्रेणियों के साथ सम्मिलित कर राहत प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया गया कि मंच उपरोक्त एक्ट की धारा-118 के विरुद्ध नहीं है, परंतु टेनेंसी एक्ट की धारा-118 केवल उन पर ही लागू होनी चाहिए, जो टेनेंसी एक्ट प्रदेश में लागू होने के बाद प्रदेश में आये हैं या आ रहे है। मुख्यमंत्री ने ध्यानपूर्वक से मंच द्वारा रखी गई मांग को सुना और आश्वस्त किया कि उनकी मांग पर अवश्य गौर किया जाएगा, जो उनके ध्यान में है। अविनाश राय खन्ना, प्रदेश भाजपा प्रभारी जी का इस भेंट में अहम योगदान रहा। प्रतिनिधि मंडल में गिरीश साहनी के अतिरिक्त सर्व अशोक कुकरेजा, हरविंदर क्वात्रा, अवतार सिंह, राकेश गुप्ता, सुनील जोशी, राजेश मदान, संजीव खन्ना, इशांत व जतिन आहूजा आदि शामिल थे।