डिपो संचालक समिति की चेतावनी, 28 फरवरी तक बने नीति

फर्स्ट वर्डिक्ट.
प्रदेश के डिपो संचालकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। डिपो संचालकों का प्रतिनिधित्व कर रही डिपो संचालक समिति ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि 28 फरवरी तक सरकार ने इनके लिए कोई नीति नहीं बनाई व पीओएस मशीनों में कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं करवाई, तो प्रदेश के डिपो संचालक भविष्य में निगम के गोदामों से राशन नहीं उठाएंगे। अपनी इस मांग को लेकर प्रदेश डिपो संचालक समिति के प्रदेशाध्यक्ष अशोक कवि की अगुवाई में समिति के सदस्यों ने एसडीएम घुमारवीं राजीव ठाकुर के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी प्रेषित किया है। अशोक कवि ने कहा कि प्रदेश के डिपो संचालक पिछले करीब साढ़े चार वर्षों से अपनी दयनीय आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए सरकार से नीति बनाने की भीख मांगते आ रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा लगातार इस वर्ग की अनदेखी की जा रही है।
डिपो संचालक समिति का कहना है कि निजी डिपो धारक एपीएल व एपीएलटी का राशन मात्र तीन फीसदी पर उपभोक्ताओं को वितरित कर रहे हैं, जबकि डिपो संचालकों को सरकार द्वारा दिए जा रहे कमीशन से ज्यादा अन्य खर्चे अपनी जेब से वहन करने पड़ रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर सहकारी सभाएं भी अपने विक्रेताओं व विक्रेताओं के साथ-साथ सचिव का कार्य देख रहे अपने कर्मचारियों को सेवा नियमों के तहत वेतन न देकर उनका शोषण कर रही है। इनका कहना है कि विभाग द्वारा डिपो संचालकों को दी गई पीओएस मशीनों में कनेक्टिविटी नहीं होने के कारण मात्र शोपीस बनकर रह गई है। प्रदेश के डिपो संचालक इन मशीनों को अपने मोबाइल का हॉटस्पॉट देकर जैसे-तैसे चलाकर उपभोक्ताओं को राशन वितरण कर रहे हैं। इनकी मांग है इनके लिए नीति बनाई जाए। अगर सरकार ऐसा नहीं करती तो ये प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।