शिकायत के बाबजूद पुलिस ने कंपनी पर दर्ज नहीं की गई एफआईआर-भुपेन्द्र

डिंपल शर्मा,धर्मपुर/मंडी – धर्मपुर और सरकाघाट उपमंडलों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय उच्च मार्ग-03 पर गासियां खड्ड में पाड़छु के पास बन रहे पुल निर्माण को लेकर गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी पर गंभीर आरोप लगे हैं। हिमाचल किसान सभा के पूर्व जिला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने दावा किया है कि कंपनी ने पुल के नीचे हजारों टन मलबा अवैध रूप से डंप कर खड्ड को पूरी तरह से बंद कर दिया है। यह मलबा बिना किसी अनुमति के डाला गया है और प्री-मॉनसून शुरू होने के बावजूद इसे हटाया नहीं गया है, जिससे बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में 4 जून को सरकाघाट थाने में कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए शिकायत दी थी, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने अभी तक FIR दर्ज नहीं की है। रपट रोज़नामचा में यह लिखा गया है कि इसके लिए उच्च अधिकारियों से अनुमति ली जा रही है।
शिकायतकर्ता भूपेंद्र सिंह ने सरकाघाट पुलिस पर कंपनी को बचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पुलिस को और यहां की एसडीएम को, जिन्हें इस अवैध डंपिंग की पूरी जानकारी है, तत्काल FIR दर्ज करनी चाहिए थी। उन्होंने चेतावनी दी है कि वे अब FIR दर्ज कराने के लिए कानूनी प्रावधानों के तहत पुलिस अधीक्षक को मामला भेज रहे हैं और उसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी, जिसमें कंपनी के साथ-साथ सरकाघाट प्रशासन को भी पार्टी बनाया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि बरसात में मलबा बहने से धर्मपुर कस्बे में कोई नुकसान होता है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी हाथ पर हाथ धरे बैठे प्रशासन की होगी। भूपेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि आरटीआई से मिली सूचना के अनुसार कंपनी ने 28 स्थानों पर अवैध रूप से सामग्री डंप की है। इसके अलावा, अवैध रूप से ब्लास्टिंग, खनन, और लोगों के रास्ते, लिंक रोड, पानी के स्रोत तोड़ने की भी शिकायतें हैं। बनाल पंचायत के रियूर गांव में ओबीसी और अनुसूचित जाति की बस्ती पर खतरा मंडरा रहा है, और हवानी, बनेहरडी और कुम्हरड़ा में कई मकानों के पास सुरक्षा दीवारें नहीं लगाई गई हैं। सड़क खुदाई से पानी की निकासी के लिए बनी नालियां और कलवर्ट बंद हो गए हैं, जिससे पानी घरों और लोगों की जमीनों को नुकसान पहुंचा रहा है, लेकिन प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। बनाल में 17 जून को हुए प्रदर्शन के बाद एसडीएम ने अगले दिन मौका मुआयना करने का आश्वासन दिया था, लेकिन तीन दिन बाद भी वे धर्मपुर से मात्र पांच किलोमीटर दूर रियूर की ओबीसी व अनुसूचित जाति की बस्ती में हालात जांचने नहीं पहुंचे। भूपेंद्र सिंह ने इसे प्रशासन की घोर लापरवाही बताया, खासकर जब एसडीएम ने स्वयं 18 जून को वहां जाने की हामी भरी थी।किसान सभा द्वारा कंपनी के खिलाफ सिलसिलेवार धरनों का अगला पड़ाव बनेहरडी में होगा।