धर्मशाला : तपोवन में विधानसभा सत्र कल से, कुल 5 बैठकें होंगी

-अध्यक्ष कुलदीप पठानिया बोले, आयोजन की तैयारियां पूरी, चाक-चौबंद रहेगी सुरक्षा
तपोवन विधानसभा सचिवालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की चौदहवीं विधानसभा का चतुर्थ सत्र 19 दिसंबर यानी कल पूर्वाहन 11 बजे आरंभ होगा। सत्र के प्रथम दिन पूर्व विधायक बाल कृष्ण चौहान के निधन पर शोकोदगार होगा तथा मुख्यमंत्री मंत्री परिषद के दो नवनियुक्त सदस्यों का सदन में परिचय करवाएंगे। यह सत्र 23 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र में कुल 5 बैठकें होंगी। 21 दिसंबर का दिन गैर सरकारी सदस्य कार्य दिवस के लिए निर्धारित किया गया है। 23 दिसंबर को शनिवार के दिन भी सत्र आयोजित किया जाएगा।
पठानिया ने कहा कि विधानसभा सचिवालय तपोवन शीतकालीन सत्र के आयोजन के लिए पूरी तरह सजग है तथा तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं। मानसून सत्र के दृष्टिगत विधान सभा की सुरक्षा को चाक-चौबंद करने हेतु 4 दिसंबर को जिला कांगड़ा के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन किया गया था, जिसमें अधिकारियों को जरूरी निर्देश जारी कर दिए गए थे। परिवहन, सुरक्षा तथा पार्किग व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे।
कार्यवाही देखने के लिए स्कूली छात्रों को दी जाएगी प्राथमिकता
पठानिया ने कहा कि सदन की कार्यवाही देखने के लिए स्कूली छात्र-छात्राओं को प्राथमिकता दी जाएगी। स्थान की उपलब्धता अनुसार अनुमति प्रदान की जायेगी। आज के बच्चे कल का भविष्य है और उन्हें लोकतांत्रिक प्रणाली का ज्ञान होना भी बहुत जरूरी है। सदन की दर्शक दीर्धा से सदन की कार्यवाही देखने पर उनके ज्ञान में निश्चित तौर पर वृद्धि होगी तथा लोकतंत्र की मजबूती का मार्ग प्रश्सत होगा। आम आदमी भी स्थान की उपलब्धता पर अपना पास बनवाकर सदन की कार्यवाही देख सकेंगे। तपोवन भवन तथा परिसर में प्रवेश केवल उन्हें मिलेगा, जिन्हें विधानसभा सचिवालय से अधिकारिक पास जारी होगा। बिना पास कोई भी प्रवेश की कोशिश न करें अन्यथा कढ़ी से कढ़ी कार्रवाई होगी।
पठानिया ने कहा कि उनका सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के माननीय सदस्यों से अनुरोध रहेगा कि वे जनहित से जुड़े मुद्दों को ही सदन में उठाएं तथा हिमाचल प्रदेश विधान सभा की परंपराओं तथा गरिमा का सम्मान करते हुए नियमों की परिधि में रहकर जनहित से संबंधित विषयों पर सदन में सार्थक चर्चा करें तथा सत्र संचालन में अपना रचनात्मक सहयोग दें।