धर्मशाला: आंखों में कोई भी तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं : डॉ. वंदना

जिला स्तरीय नेत्र देखभाल पखवाड़े के तहत मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा के सौजन्य से बुधवार को एक कार्यक्रम का आयोजन आईटीआई सेराथना में किया गया। इसमें जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर वंदना ने बच्चों को नेत्रदान पखवाड़े में आंखों की देखभाल और नेत्रदान के बारे में बच्चों को जानकारी दी और बताया की आंखें हमारे लिए बहुमूल्य हैं, हमारे जीवन में आंखों का बहुत महत्व है। इसलिए हमें अपनी आंखों की साफ-सफाई रखना जरूरी है आंखों को किसी भी संक्रमण या चोट से बचा के रखना चाहिए कई कामों में जैसे वेल्डिंग है या जहां पर बहुत ज्यादा तेज लाइटों में काम करना पड़ता है। अपनी आंखों में चश्मा और शील्ड लगाकर काम करना चाहिए हमारी आंखों की रोशनी बाधित हो सकती है। इसके लिए हमें आंखों की देखभाल करनी चाहिए आंखों में कोई भी तकलीफ होने पर डॉक्टर को दिखाना चाहिए तथा तथा समय-समय पर हमें अपनी आंखों की जांच करवानी चाहिए। शुगर की बीमारी होने पर नियमित आंखों की जांच करवानी चाहिए और भी आंखों में तकलीफ होने पर या फिर देखने में कोई धुंधलापन हो आंखों की जांच करना जरूरी है।
वहीं, नेत्रदान के लिए संकल्प करके हमें अपनी आंखों का दान करना चाहिए और लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए, ताकि हमारी आंखें हमारे मरने के बाद भी भी देख सके और किसी दूसरे को दूसरों को रोशनी दे सके इसके लिए कहीं भी आई बैंक या आई अस्पताल में अपने जीते जी अपनी आंखें दान करने के लिए पंजीकरण करवा सकते हैं परिवार के सदस्यों को भी सूचना दे सकते हैं। जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारीजगदंबा मेहता ने आंखों की देखभाल कैसे करनी है हमारी आंखें कैसे स्वस्थ रह सकती हैं इसमें हमें विटामिन युक्त पीले फ्रूट सब्जियां गाजर आदि का सेवन नियमित करना चाहिए, जिससे आंखों की रोशनी और आंखों में होने वाले रोग से बचा जा सके ऐसे अपने आंखों की साफ सफाई रखनी है। आंखों में दिक्कत होने की डॉक्टर को दिखाना है। बढ़ती उम्र में मोतिया ग्लूकोमा के लिए आंखों का चेकअप जरूर करें और सभी लोगों को नेत्रदान के लिए सामुदायिक स्तर पर लोगों से बात करने और प्रेरित करने के लिए बच्चों को बताया लगभग 12 मिलियन लोगों को कॉर्निया के खराब होने से अंधापन है। उसे अंधेपन को हम दोबारा रोशनी में बदल सकते हैं अगर हम नेत्रदान करते हैं लाखों लोगों में सिर्फ हजारों लोग ही कार्निया का प्रत्यारोपण करवा पाते हैं बाकी लोग वंचित रह जाते हैं।
कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को नेत्रदान करने के लिए प्रेरित करना है और आंखों की देखभाल करनाबहुत आवश्यक है! बहुत ज्यादा समय कंप्यूटर पास बैठकर बैठना पड़ता हो तो उसे किसी भी प्रकार की आंखों की समस्या हो सकती है। जांच करवानी चाहिए, उन्होंने आगे बताया की आजकल बच्चे अधिकतर समय स्क्रीन पर रहते हैं, कारणवश जायदा समय कंप्यूटर या मोबाइल पर गुजारना पड़ता है। बीच-बीच में आंखों को विश्राम जरूर दें। उन्होंने नेत्रहीन व्यक्ति के जीवन में रोशनी नेत्रदान के द्वारा ही की जा सकती इसलिए खुद भी नेत्रदान करें और लोगों को भी जागरूक करें इस मौके पर भाषण प्रतियोगिता आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने आंखों की देखभाल और आंखों के संक्रमण के बारे में चर्चा की विजेताओं को मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया है। इस मौके पर आईटीआई के प्रिंसिपल प्रीति सिंह तथा आईटीआई का स्टाफ की मौजूद रहे।