धर्मशाला: नेताजी सुभाष कॉलेज ऑफ नर्सिंग पालमपुर में मनाया विश्व रैबीज दिवस

मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा के सौजन्य से नेताजी सुभाष कॉलेज ऑफ नर्सिंग पालमपुर में विश्व रैबीज मनाया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य रैबीज के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. तरुण सूद ने उपस्थित जनसमूह को बताया कि रैबीज एक वायरल बीमारी है। यह वायरस रैबीज से पीड़ित जानवरों जैसे कुत्ता, बिल्ली, बंदर आदि की लार में मौजूद होता है।
यह रेबडोविरिडे फैमिली के लिसावायरस जीनस के रैबीज वायरस के कारण होता है। यह एक आरएनए वायरस है। आंकड़ों के मुताबिक इंसानों में करीब 99 फीसदी मामले कुत्ते के काटने से होते हैं। रैबीज 100 प्रतिशत घातक है तथा टीके के माध्यम से इसका 100 प्रतिशत रोकथाम किया जा सकता है। इसलिए इन जानवरों के काटने के तुरंत बाद काटे हुए स्थान को बहते हुए साफ पानी से लगभग 15 मिनट के लिए साफ करें, ताकि काटे हुए स्थान से जानवर की लार अथवा थूक पूरी तरह साफ हो जाए तथा उसके तुरंत बाद अस्पताल में जाकर रैबीज से बचाव के लिए टीकाकरण करवाएं।
याद रहे कि यह टीकाकरण सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त उपलब्ध है। इसके साथ साथ उन्होंने बताया कि जिन लोगों ने कुत्ते अथवा अथवा बिल्लियां पाली हैं वे अपने पालतू जानवर का हर वर्ष टीकाकरण करवाएं। अपने पालतू जानवर की अच्छी देखभाल करें। उन्हें भरपूर खाना तथा रहने के लिए सुरक्षित स्थान दें। अपने पालतू कुत्तों और बिल्लियों को गलियों अथवा सार्वजनिक स्थानों में आवारा ना घूमने दे। उनके साथ दुर्व्यवहार जैसे लात मारना पूंछ खींचना अथवा पत्थर मारना ना करें। क्योंकि जानवर चिढ़कर मनुष्य को काटते हैं। आगे जानकारी देते हुए जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी जगदंबा मेहता ने बताया कि आवारा कुत्ते अथवा बिल्लियों से दूर रहे और किसी कारणवश अगर कुत्ता या बिल्ली काट ले तो घाव पर कुछ भी ना लगाएं।
सिर्फ साफ पानी से धोकर डॉक्टर के पास जाएं। सही जानकारी से हम रैबीज जैसी घातक बीमारी से बच सकते हैं। जानकारी देते हुए स्वास्थ्य शिक्षिका अंजलि ने बताया की रैबीज से पूरी तरह बचाव हो सकता है अगर समय रहते उचित चिकित्सीय सहायता प्राप्त कर ले। अत: उपस्थित सभी से अनुरोध है कि कार्यक्रम में प्राप्त जानकारी को दूसरे लोगों तक पहुंचाएं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग जागरूक हो सके। इस मौके पर पोस्टर कंपटीशन भी करवाया गया तथा प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।