हमीरपुर : बलिदान दिवस के रूप में मनाई जाएगी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि

मीनाक्षी साेनी। हमीरपुर
भाजपा मंडल हमीरपुर ने आज जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 69वीं पुण्यतिथि को बलिदान दिवस के रूप में मनाया। जम्मू कश्मीर को भारतीय संविधान के दायरे में लाने और एक देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान (झंडा) के विरोध में सबसे पहले आवाज उठाने वाले भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक प्रखर विचारक थे। उनका यह स्वप्न स्वतंत्रता प्राप्ति के 70 वर्ष बाद तब पूरा हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अगस्त, 2019 में संसद में संविधान के अनुच्छेद 370 एवं 35-ए को समाप्त करने का बिल पारित कराया। विशेष राज्य का दर्जा, अलग संविधान, देश के अन्य प्रदेशों के नागरिकों के जम्मू कश्मीर में प्रवेश के लिए परमिट की आवश्यकता जैसी जिन शतरे और नियमों के साथ जम्मू-कश्मीर को भारत में शामिल किया गया था।
डॉ. मुखर्जी प्रारंभ से ही उसके विरोध में थे। उन्होंने इसके लिए बाकायदा जम्मू-कश्मीर जाकर विरोध दर्ज कराना चाहा, लेकिन रहस्यमय परिस्थितियों में 23 जून, 1953 को उनकी मृत्यु हो गई। डॉ. मुखर्जी को जम्मू-कश्मीर एवं देश की अखंडता के लिए बलिदान देने वाले पहले व्यक्ति के रूप में जाना गया। इसलिए उनकी पुण्यतिथि को बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है। डॉ. मुखर्जी ने जम्मू कश्मीर को लेकर अपने विचारों पर कभी समझौता नहीं किया और प्रजा परिषद पार्टी के बुलावे पर अगस्त, 1952 में जम्मू में एक सभा में शामिल हुए और ‘एक देश में दो विधान दो प्रधान नहीं चलेंगे, नहीं चलेंगे’ का नारा दिया। उनकी राजनीतिक यात्रा कलकत्ता विविद्यालय क्षेत्र से 1929 में विधान परिषद से प्रारंभ हुई। बंगाल के हितों की रक्षा के लिए वे फजलुल सरकार में वित्त मंत्री रहे। भारत सरकार के उद्योग मंत्री रहते हुए वे 6 अप्रैल,1948 को उद्योग नीति लाए। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की विभाजन के समय पाकिस्तान एवं पूर्वी पाकिस्तान पर विफल नीति के विरोध में उद्योग मंत्री पद से त्यागपत्र देकर वे भारत में आए लाखों शरणार्थियों की सेवा में जुट गए।
कांग्रेस के राष्ट्रवादी विकल्प की आवश्यकता महसूसते हुए उन्होंने भारतीय जनसंघ की स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. मुखर्जी जनसंघ के प्रथम अध्यक्ष बने। प्रथम लोक सभा चुनाव में दक्षिण कलकत्ता से सांसद चुने गए। 1934 से 1938 तक कलकत्ता विविद्यालय के सबसे युवा कुलपति होने का श्रेय भी उनके नाम है। इस अवसर पर हमीरपुर विधानसभा के विधायक नरेंद्र ठाकुर, कांगड़ा कृषि अग्रिकल्चरल एवं रूरल डिवेलपमेंट बैंक के चेयरमैन कमल नयन शर्मा, मंडल अध्यक्ष रमेश शर्मा, भाजपा मंडल महामंत्री सुरेश सोनी, राजेश गौतम और भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।