हमीरपुर : सभी विभागों के कर्मचारियों ने किया महासम्मेलन का आयोजन

फर्स्ट वर्डिक्ट। हमीरपुर
हिमाचल प्रदेश सयुंक्त कर्मचारी महासंघ ने जिला हमीरपुर टाउन हॉल में आज जिला के सभी विभागों के कर्मचारियों का महासम्मेलन का आयोजन किया। इसमें सभी विभागों के कर्मचारी नेताओं, शिक्षकों और कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस महासम्मेलन में हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ की प्रदेश कार्यकारिणी के 10 पदाधिकारियों ने भाग लिया, जिसमें मुख्य रूप से प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान, महासचिव हीरालाल वर्मा, मुख्य संगठन सचिव कुलदीप खरवाड़ा, विनोद ठाकुर मुख्य सलाहगार, वित्त सचिव खेमेंद्र गुप्ता, उपाध्यक्ष अरविंद मेहता, संगठन सचिव शमशेर सिंह ठाकुर, तिलक नायक, मनोज शर्मा, जागमेल ठाकुर, अरूण कानूनगो, समर चौहान, पंकज, राजेश गौतम व हाकम राणा आदि प्रमुख रहे।
इस दौरान हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ की जिला हमीरपुर की कार्यकारिणी का चयन किया गया, जिसमें जिला हमीरपुर का नेतृत्व बिजली विभाग के केडी शर्मा, महासचिव राजेश गौतम व उपप्रधान राजू राम, उपप्रधान सुरेश कुमार, अनिल महाजन, सतीश राणा, वित सचिव बलवंत ठाकुर, मनीष चौहान, रविचंदेल, संजीव कुमार, राजेश कुमार, राजेंद्र,पंकज, रिपन परमार, नरेश शर्मा, कुलदीप कुमार, हाकम राणा व पवन राणा का दायितव दिया गया और जिला कार्यकारिणी का बाकी का विस्तार करने के लिए प्रधान और महासचिव को अधिकृत किया गया, उसके उपरांत महा सम्मेलन में आए हुए सभी कर्मचारी नेताओं ने अपने अपने विचार रखे।
हाउस में सर्वसहमती से एनपीएसईए का पुरजोर सहयोग करने का फैसला पारित किया गया व 3 मार्च को हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ शिमला में पूरा सहयोग करेगाऔर छठे वेतन आयोग की त्रुटियों को लेकर खुलकर अपनी बात रखी सभी कर्मचारी नेताओं ने एक स्वर में प्रस्ताव पारित किया कि हिमाचल सरकार पंजाब के वेतन आयोग को शत-प्रतिशत मूल रूप से हिमाचल में लागू करें, जिससे कर्मचारियों का मूल वेतन 1-1- 2016 को पंजाब के साथियों के समरूप हो सके, उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष ने प्रेस वार्ता के द्वारा छठे वेतन आयोग की त्रुटियों को उजागर किया और 15 प्रतिशत वृद्धि वाले विकल्प से होने वाले नफा नुकसान के बारे में कर्मचारियों को जागरूक करने का प्रयास किया और जिसमें पूरे तथ्यों सहित आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं कि कितने कर्मचारियों को किस किस तरह से इस 15 प्रतिशत के विकल्प से फायदा होगा या नहीं होगा।
उस सब के बारे में जानकारी देते हुए महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान और महासचिव हीरालाल वर्मा ने बताया कि 15 पर्सेंट वाला विकल्प केवल 2000 के बाद लगे 5910 के पे बैंड वाले कर्मचारी ही ऑप्ट कर पाएंगे और यही वह वर्ग है, जिसे रिकवरी लग रही थी, लेकिन इस नोटिफिकेशन के माध्यम से सरकार ने यह तो साफ कर दिया कि किसी तरह का एरियर कर्मचारियों को नहीं दिया जाएगा, लेकिन इस संदर्भ में कुछ भी नहीं बताया गया कि क्या इनकी रिकवरी भी माफ कर दी जाएगी, जो कि एक बहुत बड़ा चिंतनीय विषय है। इस पर महासंघ ने अपनी चिंता व्यक्त की और सरकार से मांग की कि रिकवरी के बारे में सरकार स्पष्ट करें। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि इस 15 प्रतिशत के विकल्प से कौन सा कर्मचारी पंजाब से कितना पीछे अभी भी चल रहा है। बहुत से वर्गों को तो 15 प्रतिशत की कैलकुलेशन से सरकार द्वारा अपने 3 जनवरी के नोटिफाइड वेतन आयोग अनुसार 4000 से 5000 तक इनिशियल में और पीछे जा रहा है। इसका मतलब हुआ कि इससे फायदा के बजाय नुकसान ज्यादा हो रहा है।
उदाहरण के लिए अगर एक लेक्चरर की बात की जाए, जिसका पंजाब में 15 प्रतिशत के साथ इनिशियल वेतनमान 1-1-16 की तिथि में 49900 बनता है। वहीं, हिमाचल में जो इनिशियल रखा गया है, वह 43000 है, जब यह गणना 15 प्रतिशत के अनुसार की जाए, तो केवल मात्र 35517 ही बन रहा है। इसका मतलब यह हुआ कि इस स्थिति में कर्मचारियों को फायदे के बजाय नुकसान हो रहा है, तो हम कह सकते हैं कि कर्मचारी इस 15 प्रतिशत के विकल्प को नहीं चुन पाएंगे। कारण यह है कि जब तक कर्मचारियों को पंजाब की तर्ज पर 1-10-2011 से इनिशियल स्टार्ट और 2 साल का राइडर खत्म नहीं किया जाएगा, तब तक इसका फायदा नहीं होने वाला है। साथ ही जब तक 4-9-14 टाइम स्केल की अनियमित्ताएं खत्म कर उसके लाभ की गणना जनवरी 2022 तक नहीं की जाएगी और 2012 के ग्रेड पे रिवीजन के कारण कर्मचारियों का 4-9-14 का एक लाभ खत्म कर इस टाइम स्केल में जोड़ दिया गया था और अब जिन कर्मचारियों द्वारा 2 पॉइंट 5 9 फेक्टर चुना गया है, उनके लिए 4-9-14 टाइम स्केल के एक लाभ की गढ़ना को वेतनमान निर्धारण में जब तक नहीं लिया जाएगा तब तक हिमाचल के कर्मचारी पंजाब के समरूप नहीं हो सकते हैं।
यदि वेतनमान को पंजाब के संदर्भ में लागू करना है, तो हमें बराबरी करनी आवश्यक है, यही नियम और नीति बताती है। महासंघ ने वित्त विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे हिमाचल प्रदेश में सबोर्डिनेट ज्यूडिशरी को छठा वेतन आयोग लागू करना ही भूल गया। लगभग जुडिशरी के 3200 कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग का अभी भी इंतजार है व 15 प्रतिशत जो सरकार ने दिया है। इसके लिए हम सरकार का धन्यवाद करते हैं, लेकिन जिस रूप में हम सरकार से मांग कर रहे थे, ये बिलकुल उसके विपरीत है। साथ ही प्रदेश के कर्मचारियों को पंजाब के अनुरूप भत्तों की अदायगी की अधिसूचना के बारे में भी सरकार को घेरने के लिए महासंघ ने आज 27 तारीख को हमीरपुर टाउन हॉल से जिलाधीश कार्यालय तक एक विरोध रैली का आयोजन किया।
जिसमें एक रैली की शक्ल में महासंघ के बैनर तले कर्मचारियों ने अपना प्रदर्शन किया और जिलाधीश हमीरपुर के माध्यम से मुख्यमंत्री को अपना ज्ञापन सौंपा, ताकि कर्मचारियों की नाराजगी का एहसास सरकार तक पहुंचाया जा सके और शीघ्र ही कर्मचारियों की वित्तीय अनियमितताओं को समाप्त कर पंजाब के बराबर वेतनमान हिमाचल के कर्मचारियों को दिलाया जा सके, जिससे आने वाले समय में हिमाचल का कर्मचारी पंजाब की तुलना में मूल वेतनमान में बराबर हो सके। हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ का यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक हिमाचल प्रदेश के समस्त कर्मचारियों को उनके लाभ नहीं दिलाए जा सके। यदि जरूरत हुई तो विधानसभा का घेराव भी किया जाएगा और इसी कड़ी के साथ 6 मार्च से सिरमौर, बिलासपुर व कुल्लू में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।