हमीरपुर : केंद्र सरकार बताए की फौज की भर्ती क्यों रुकी : विधायक
मीनाक्षी साेनी। हमीरपुर
गत अढ़ाई वर्षाें से हमारी फाैज में भर्ती नहीं हुई है। हर वर्ष 50 से 60 हज़ार फौजी सेवानिवृत्त होकर घर आते हैं। इनकी भरपाई हर रेजिमेंट को तुरंत चाहिए होती है। ऐसे में पिछले अढ़ाई वर्षाें में देश के फौजी भाइयों पर अतरिक्त कार्य का दबाव बहुत अधिक है। इस समय फ़ौज में डेढ़ लाख पद के आसपास रिक्त हैं। हमारे युवा जो फ़ौज में भर्ती के लिए दिन-रात पसीना बहा कर तैयारी करते हैं, उनके साथ सोचिये क्या बीत रही होगी। फ़ौज की नौकरी एक नौकरी नहीं, बल्कि वर्दी का एक जूनून होता है और केवल जुनूनी लोग ही देशसेवा के शिखर पर रखी इस ओजस्वी नौकरी को प्राप्त कर पाते हैं। यदि इसी प्रकार से 3-3 वर्ष तक भर्ती नहीं होगी, तो नुकसान केवल इन युवाओं का नहीं, देश का भी होगा। इस युवा को परिवार का भरण पोषण करने के लिए कुछ और करना होगा। ऐसे जुनूनी लोग कम मिलेंगे।
सरकार का तर्क था कि कोरोना है इसलिए भर्ती नहीं करवाई। चुनाव करवा लिए, बच्चों के एग्जाम करवा लिए, जनसभाओं को संबोधित कर लिया, जीत के जश्न मना लिए, लेकिन भर्ती नहीं करवा पाए। क्याेंकि कोरोना था। इन झूठे राष्ट्रभक्तों को मेजर जनरल यश मोर की बातें बहुत चुभेंगी, लेकिन सुननी चाहिए। हमारे देश की फ़ौज हिन्द की फ़ौज है किसी की बपौती नहीं। जिस तरह से भर्ती क्रमबद्ध तरीके से हुआ करती थी, उसी तरह से की जाए। इस संबंध में हम युवा कांग्रेस के साथ मिल कर राष्ट्रपति को ज्ञापन भी ज़रूर सौपेंगे।
