सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची : सिद्धि विनायक हरते है भक्तों के विघ्न

गणपति बप्पा भगवान श्री गणेश के भारत में कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जहां लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। ऐसा ही एक मंदिर है मुंबई का श्री सिद्धिविनायक मंदिर, जो विशेष स्थान रखता है। यहां देश विदेश से लाखों श्रद्धालु भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने के लिए आते हैं और विशेषकर गणेश उत्सव के दौरान यहां श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। गणेश उत्सव के दौरान बॉलीवुड और बिजनेस जगत की कई जानी-मानी हस्तियां भी इस मंदिर में गणेश जी के दर्शन करने के लिए पहुंचती हैं। भारत की आर्थिक राजधानी कहलाने वाली मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में आने वाला चाहे अमीर हो या फिर गरीब, छोटा हो या बड़ा, वह कभी खाली हाथ नहीं जाता है। गणपति हर किसी की झोली खुशियों से भरते हैं। मुंबई के इस मंदिर में भगवान श्री गणेश सिद्धिविनायक के रूप में विराजमान हैं, जिसे स्थानीय लोग नवसाचा गणपति या नवसाला पावणारा गणपति के नाम से भी बुलाते हैं। इस मंदिर के द्वार हर धर्म जाति के लोगों के लिए खुले हैं। यहां किसी को आने की मनाई नहीं है। सिद्धी विनायक मंदिर अपनी मंगलवार की आरती के लिए बहुत प्रसिद्ध है जिसमें श्रद्धालुओं की कतार कभी-कभी 2 किलोमीटर तक पहुंच जाती है।
ऋद्धि -सिद्धि के दाता श्री गणेश के इस पावन धाम से जुड़ी कई मान्यताएं और रोचक बातें है, जो इस स्थान को और अद्धभूत बनाती है। मान्यता है कि मुंबई स्थित सिद्धिविनायक मंदिर का निर्माण 1801 में विट्ठु और देउबाई पाटिल ने किया था। इस मंदिर के निर्माण में लगने वाली धनराशि एक नि:संतान कृषक महिला ने दी थी, ताकि सिद्धिविनायक के आशीर्वाद से जीवन में कोई भी महिला बांझ न हो और सभी को संतानसुख की प्राप्ति हो। कहते है सिद्धिविनायक मंदिर की मूल संरचना पहले काफी छोटी थी, और इसका आकार 3.6 मीटर x 3.6 मीटर वर्ग का था। प्रारंभिक संरनचा मात्र ईंटों की बनी हुई थी, जिसका गुंबद आकार का शिखर भी था। बाद में इस मंदिर का पुननिर्माण कर आकार को बढ़ाया गया।
सिद्धिविनायक मंदिर में भगवान गणेश की प्रतिमा काले पत्थर से बनाई गई है, जहां पर वे अपनी दोनों पत्नी रिद्धि और सिद्धि के साथ विराजमान हैं। मंदिर के गर्भग्रह के चबूतरे पर स्वर्ण शिखर वाला चांदी का सुंदर मंडप है, जिसमें भगवान सिद्धिविनायक विराजते हैं।
चतुर्भुजी विग्रह वाले सिद्धिविनायक के ऊपर वाले दाएं हाथ में कमल और बाएं हाथ में अंकुश है और नीचे के दाहिने हाथ में मोतियों की माला और बाएं हाथ में मोदक से भरा कटोरा है। मस्तक पर भगवान शिव के समान तीसरा नेत्र और गले में एक सर्प हार है। सिद्धिविनायक से जुड़ी एक और रोचक बात है। सिद्धि विनायक, भगवान गणेश जी का सबसे लोकप्रिय स्वरूप माना जाता है, जिसमें उनकी सूंड़ दाईं और मुड़ी होती है। जहां कहीं भी दायीं ओर सूंड़ वाली भगवान गणेश की मूर्ति होती है, वह सिद्धपीठ कहलाता है।
मनमोहक है सिद्धिविनायक की मूर्ति :
सिद्धिविनायक मंदिर में भगवान गणेश जी की सूंड दाईं ओर है, जब हम अधिकांश गणपति जी की मूर्तियों में उनकी सूंड बाईं ओर नजर आती है। काले पत्थर से तराशी गई गणेश जी की 2.5 फीट ऊंची और 2 फीट चौड़ी मूर्ति मनमोहक है और यहां भगवान श्री गणेश ऋद्धि- सिद्धि के साथ विराजमान है।
चांदी के चूहे पहुंचाते है सन्देश:
मंदिर के अंदर चांदी से बनी चूहों की दो बड़ी मूर्तियां मौजूद हैं। माना जाता है कि अगर आप उनके कानों में अपनी इच्छाएं प्रकट करते हैं वे आपका संदेश भगवान गणेश तक पहुंचाते हैं। इसलिए यह धार्मिक क्रिया करते हुए आपको बहुत से श्रद्धालु मंदिर में दिख जाएंगे।
सेलिब्रिटीज का लगा रहता है तांता :
सिद्धिविनायक मंदिर में अक्सर बॉलीवुड सेलिब्रिटीज का तांता लगा रहता है। कई बड़े बॉलीवुड सितारे सिद्धिविनायक मंदिर में भगवान गणपति के दर्शन करने नियमित आते रहते हैं। सिद्धिविनायक मंदिर के दर्शन मात्र से ही गणपति भक्त के बड़े से बड़े संकट पलक झपकते दूर हो जाते हैं। यही कारण है कि बॉलीवुड के बड़े कलाकार भी अपनी सफलता की कामना लिए अक्सर यहां पर माथा टेकने पहुंचते हैं। गणेश उत्सव के दौरान भी सिद्धिविनायक मंदिर में गणपति बप्पा के दर्शन करने वालों का तांता लगा रहता है। इस दौरान देश ही नहीं विदेश से तीर्थयात्री यहां पर दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
देश के सबसे अमीर मंदिरों में गिनती :
सिद्धिविनायक मंदिर की गिनती देश के सबसे अमीर मंदिरों में की जाती है। सिद्धिविनायक मंदिर में देश-विदेश से गरीब, अमीर सभी प्रकार के श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। कहते है कि यहां साल भर में जितना चढ़ावा चढ़ता है, उतने में पूरी मुंबई के लोगों को भरपेट भोजन करवाया जा सकता है। जिन भक्तों की यहां मनोकामना पूरी होती है, वे यहां पर गुप्तदान करके जाते हैं। इस मंदिर में करोड़ों की दान-दक्षिणा आती है।मंदिर की भीतरी छत सोने से ढकी हुई है। जानकारी के अनुसार यह मंदिर हर साल 100 मिलियन से 150 मिलियन धनराशी दान के रूप में प्राप्त करता है। करीब तीन वर्ष पहले दिल्ली के एक श्रद्धालु ने मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर को 35 किलो सोना दान में दिया था, जिसकी कीमत 14 करोड़ रुपए थी। इस मंदिर की देखरेख करने वाली संस्था मुंबई की सबसे अमीर ट्रस्ट है।