पहाड़ी महफ़िल में अपने सुरों से समा बांधने वाले लोकगायक कपिल शर्मा अब आजमाएंगे

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में नगर निगम चुनावों का बिगुल बज चुका है। राज्य चुनाव आयोग ने नगर निगम शिमला के लिए तारीखों का एलान कर दिया है। चुनाव आयोग की तिथियों के अनुसार 2 मई को शिमला नगर निगम के लिए वोटिंग होगी और 4 मई को परिणाम घोषित होंगे तारीखों के एलान के बाद प्रदेश के बड़े राजनीतिक दल सियासी रण में कूद गए है। कांग्रेस और भाजपा किश्तों में अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर रही है लेकिन प्रदेश की राजधानी शिमला में कुछ ऐसे चेहरों ने भी चुनावी ताल ठोक दी है जो लोगों में खासा प्रभाव रखते है। ऐसे ही एक शख्स जिनका जिक्र हम आज कर रहे है वह प्रदेश के उभरते लोकगायक व हिमाचल प्रदेश की ठेठ पहाड़ी महफ़िल के बेताज बादशाह कपिल शर्मा है। कपिल शर्मा अपने छात्र काल से ही सामाजिक व राजनीतिक कार्यों में सक्रिय रहे कई बार छात्र व मजदूरों के हितों के लिए लड़ाई लड़ते हुए जेल भी गए है। कपिल शर्मा ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से संगीत विषय में एमफिल की पढ़ाई की है और अब सियासत में अपने हाथ आजमा रहे है। कपिल शर्मा संगीत में अपनी छाप छोड़ चुके है। प्रदेश भर में उनके हजारों चाहने वाले है लेकिन अब वह सियासत में भी अपनी किस्मत आजमाना चाह रहे है ।
कपिल शर्मा ने बताया कि वह अपने छात्र जीवन से ही सामाजिक व राजनीतिक कार्यो में सक्रिय रहे है। छात्र जीवन में ही गरीब छात्रों व मजदूरों के हितों की लड़ाई लड़ते हुए जेल में भी गए है लेकिन कभी अपने मकसद से नहीं डिगे और आज जब शिमला नगर निगम के चुनाव का बिगुल बजा है तो जनता के आग्रह पर उंन्होने भी शिमला के सांगटी वार्ड नम्बर 24 से जनभावनाओं की कद्र करते हुए चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद ही नहीं बल्कि पूरा विश्वास है कि सांगटी वार्ड की जनता उन पर अपना विश्वास जताएगी और भारी मतों के साथ उन्हें नगर निगम शिमला में चुनकर भेजेगी और उन्होंने जनता को विश्वास दिलाते हुए कहा कि वह आने वाले समय मे भी सामाजिक बुराइयों जिसमें , बढ़ती मंहगाई, बेरोजगारी , और हर घर की समस्या बन चुकी नशे के खिलाफ लोगो को अपने लोकसंगीत व राजनीतिक जिम्मेवारी के साथ संगठित करते रहेंगे और लोगो को जागरूक करते रहेंगे और जनता के बीच रहकर जनता की उम्मीदों व आशाओं पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे।