ऊना : व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर गई फारेस्ट गॉर्ड की मौत
हिमाचल में 2 हज़ार से अधिक फॉरेस्ट गार्ड हैं प्रशिक्षण के बिना
ममता भनोट। ऊना
वन विभाग के फॉरेस्ट गार्ड राजेश कुमार ने सर्वोच्च बलिदान वन विभाग की सेवाओं में देते हुए दिया है यह बात वन विभाग के अधिकारी मान रहे। राजेश कुमार के निधन से वन विभाग में शोकाकुल लहर है, लेकिन व्यवस्था पर भी सवाल खड़े होते हैं। राजेश कुमार ने लंबे समय तक तो वन विभाग में सेवाएं दी। उसके बाद पदोन्नत हुआ, लेकिन प्रशिक्षण की व्यवस्था सही नहीं होने के कारण फॉरेस्ट गार्ड को अपनी जान गंवानी पड़ी। विभागीय सूत्रों की मानें तो हिमाचल प्रदेश में फारेस्ट गार्ड को प्रशिक्षण देने के संस्थान में सलाना 120 पुरुष गार्ड को प्रशिक्षण दिया जाता है। ऐसे में फॉरेस्ट गार्ड की संख्या हजारों में है और माना जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश में 2000 से अधिक ऐसे फॉरेस्ट गार्ड हैं, जिन्हें अभी प्रशिक्षण नहीं मिला। अगर जिला ऊना की बात करें, तो यहां करीब 89 फॉरेस्ट गार्ड हैं, जिनमें से 48 के करीब प्रशिक्षण प्राप्त हैं, जबकि 41 प्रशिक्षण को देना है।
यह प्रशिक्षण का समय पर न होना अपने आप में आग बुझाने में जान को हथेली पर रखकर जाने के समान है, पर विभागीय अधिकारियों के निर्देश पर आग व वन्यजीवों को बचाने के लिए फारेस्ट गॉर्ड अपनी जान पर खेल जाते हैं, लेकिन जब हादसा होता है, तब व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो जाता है। जैसे राजेश वनरक्षक की मृत्यु ने प्रशिक्षण व विभागीय व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। अब देखना यह है कि राजेश का निधन क्या वन विभाग को गहरी निंद्रा से जगा कर फॉरेस्ट गार्ड के लिए आग बुझाने का प्रशिक्षण समय पर करवाने की व्यवस्था करवाता है या नहीं।
वन मंत्री भी पहुंचेंगे शोक जताने
वन विभाग के अधिकारियों की माने तो हिमाचल प्रदेश सरकार में वन मंत्री राकेश पठानिया भी फारेस्ट गार्ड राजेश कुमार के घर बदौली पहुंचकर शोक व्यक्त करेंगे। परिवार के साथ संवेदना ही जिताएंगे। वहीं, विभाग इस प्रयास में भी है कि राजेश के परिवार को हर संभव मदद प्रदान की जा सके।
बलिदान सर्वोच्च सरकार परिवार के साथ-कंवर
हिमाचल प्रदेश सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री ने बदौली में पहुंचकर फॉरेस्ट गार्ड राजेश के परिवार के साथ शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राजेश का बलिदान सर्वोच्च है और सरकार व विभाग पूरे परिवार के साथ है। उन्होंने कहा कि विभाग सरकार बेहद शौक में है। यह घटना दुःखद है। उन्होंने कहा कि राजेश ने बहादुरी का काम किया है। उन्होंने यह संदेश भी दिया है कि असामाजिक तत्व कैसे जंगलों में आग लगा रहे हैं और वन संपदा की रक्षा के लिए कैसे जान हथेली पर रखकर वन विभाग के कर्मचारी आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस दुःखद घटना से परिवार को बहुत क्षति हुई है। सरकार परिवार के साथ है और हर संभव मदद की जाएगी।