केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के परिसरों में 2025-26 से शुरू होगा चार वर्षीय स्नातक औऱ एक वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम: श्रीनिवास बरखेड़ी

केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में 2025-26 सत्र से चार वर्षीय शास्त्री और एक वर्षीय आचार्य पाठ्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर श्रीनिवास बरखेड़ी ने हिमाचल प्रदेश के बलाहर (परागपुर) स्थित वेदव्यास परिसर की निदेशक, प्रोफेसर सत्यम कुमारी को नई शिक्षा नीति-2020 के तहत शुरू होने वाले नए पाठ्यक्रम के बारे में जानकारी दी। कुलपति ने बताया कि इस नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शास्त्री स्नातक, शास्त्री शोध, और आचार्य की उपाधियां सेमेस्टर आधारित होंगी। चार वर्षीय शास्त्री पाठ्यक्रम के सभी सेमेस्टरों में वेद, ज्योतिष, व्याकरण, साहित्य, दर्शन, बौद्ध दर्शन, कश्मीर शैव दर्शन, धर्मशास्त्र, अद्वैत वेदांत, पुराण इतिहास, पालि व प्राकृत जैसे पारंपरिक विषयों के साथ-साथ आधुनिक विषय जैसे कंप्यूटर (संगणक), राजनीति विज्ञान, इतिहास, अंग्रेजी, हिंदी आदि भी पढ़ाए जाएंगे। साथ ही, कौशल विकास विषयों पर भी ध्यान दिया जाएगा।नई व्यवस्था के अनुसार, शास्त्री पाठ्यक्रम में दो सेमेस्टर पूरे करने पर छात्रों को सर्टिफिकेट, चार सेमेस्टर पूरे करने पर डिप्लोमा, छह सेमेस्टर पूरे करने पर शास्त्री (स्नातक) डिग्री प्राप्त होगी। आठ सेमेस्टर की परीक्षा उत्तीर्ण करने पर छात्रों को शास्त्री (शोध प्रतिष्ठा) की उपाधि मिलेगी, और दस सेमेस्टर पूरे करने वाले छात्रों को सीधे आचार्य या स्नातकोत्तर की डिग्री दी जाएगी, जिससे वे शोध के लिए योग्य होंगे।
कुलपति ने यह भी बताया कि सभी सेमेस्टरों में मुख्य विषय 100 अंकों के होंगे, जिनमें 60 अंक की लिखित परीक्षा और 40 अंक का सतत मूल्यांकन होगा। छात्रों को माइनर कोर्स के साथ-साथ इंटर डिसिप्लिनरी (अंतरविषयक) विषयों, कौशल एवं दक्षता विकास और नैतिक मूल्य विषयों की पढ़ाई भी करनी होगी। दक्षता विकास में भाषाओं के साथ-साथ योग, कंप्यूटर, संगीत, नाट्य, कर्मकांड, ज्योतिष, वास्तु आदि विषय शामिल होंगे।
इसके अतिरिक्त, पाठ्यक्रम में सभी छात्रों के लिए प्रशिक्षुता (Internship) अनिवार्य होगी, ताकि उन्हें रोजगार के लिए उचित अवसर मिल सकें। विश्वविद्यालय ने यह व्यवस्था आदर्श महाविद्यालयों और सभी संबद्ध महाविद्यालयों में लागू कर दी है, जिससे यह पाठ्यक्रम शीघ्र प्रभावी रूप से कार्यान्वित हो सके।