ऊना शहर की ड्रेनेज व्यवस्था के लिए 19 करोड़ दे सरकार : सत्ती
ऊना सदर के भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने विधानसभा में क्षेत्र के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में करोड़ों रुपये के विकास कार्यों को लेकर आवाज बुलंद की। इसके साथ ही सतपाल सिंह सत्ती ने कर्मचारियों के तबादले कर उन्हें प्रताड़ित करने और लोगों को दिक्कतों में धकेलने के लिए भी सरकार को जमकर घेरा। सत्ती ने जिला मुख्यालय की ड्रेनेज व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लंबित चल रहे काम के लिए प्रदेश सरकार से 19 करोड़ रुपये का बजट उपलब्ध करवाने की भी मांग की। विधानसभा सत्र के दौरान सतपाल सिंह सत्ती ने अपने विधानसभा क्षेत्र के कई मुद्दे उठाए।
सत्ती ने कहा कि जिला मुख्यालय के साथ ग्राम पंचायत लालसिंगी, कोटला कलां अप्पर और लोअर, अरनियाला अप्पर और लोअर, मलाहत, भड़ोलियां खुर्द, रामपुर, कुठार कलां, कुठार खुर्द में भी शहर के साथ-साथ ड्रेनेज व्यवस्था को दुरुस्त करना है। जिसके लिए नाबार्ड को 48 करोड़ रुपए की डीपीआर भेजी गई है प्रदेश सरकार उसे भी मंजूर करवाना सुनिश्चित करे। विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने ऐतिहासिक भबौर साहिब सिंचाई योजना के जीर्णोद्धार के लिए भी 65 करोड़ रुपये का एस्टीमेट सरकार के ध्यान में लाया और इसकी भी मंजूरी की मांग उठाई। ताकि विधानसभा क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध करवाया जा सके। इसके साथ ही विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने संतोषगढ़ नगर परिषद सीवरेज व्यवस्था के लिए विभाग द्वारा पिछले 4 महीने से डीआई पाइप नहीं खरीदे जाने का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा कि विभाग की इस लचर कार्यप्रणाली के चलते संतोषगढ़ कि सीवरेज व्यवस्था पूरी तरह लटक कर रह गई है। इसके साथ ही सतपाल सिंह सत्ती ने विधानसभा में अपने क्षेत्र के पंजाब से सटे गांव सनौली, मजारा, बिनेवाल, मलूकपुर, पूना और अजोली के घरेलू और बरसाती पानी का मुद्दा भी उठाया। सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि यह सारा पानी सड़कों पर जमा रहता है, जिसके चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, उन्होंने इस पानी को सोमभद्रा नदी में फेंके जाने के लिए नाले बनाने की मांग उठाई। इस दौरान सतपाल सिंह सत्ती ने जिला के ठेकेदारों के विभिन्न विभागों द्वारा पैसे रोके जाने का मामला भी विधानसभा में उठाया। उन्होंने कहा कि इस सरकार की कार्यप्रणाली इतनी लचर हो चुकी है की अवार्ड हो चुके काम शुरू नहीं किए जा रहे और करवाए जाने वाले काम अवार्ड नहीं हो पा रहे। उन्होंने कहा कि पंप ऑपरेटर और छोटे कर्मचारियों की बदलियां करके एक तरफ उन्हें परेशान किया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में इन्हीं तबादलों के चलते पेयजल आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हो चुकी है। कई ग्राम पंचायतों में पेयजल आपूर्ति की स्कीम चलाने वाले कर्मचारी ही नहीं बचे हैं। उन्होंने कहा कि इन तमाम मांगों पर सरकार को विकास और कर्मचारियों की भलाई की दृष्टि से विचार करते हुए सकारात्मक कार्रवाई करनी होगी। अन्यथा जनता को साथ लेकर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर मोर्चा खोले से भी गुरेज नहीं किया जाएगा।
