शिमला : जिला परिषद कर्मचारियों को सरकारी दर्जा दे सरकार-रोहित ठाकुर

फर्स्ट वर्डिक्ट। शिमला
प्रदेश में जिला परिषद कर्मचारी पंचायती राज संस्थाओं की रीढ़ हैं और इनकी सेवाओं से ही ग्रामीण क्षेत्राें में विकास कार्य को गति मिलती हैं। यह बात जुब्बल नावर कोटखाई के विधायक रोहित ठाकुर ने प्रेस में ज़ारी एक बयान में कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 4700 से अधिक जिला परिषद कर्मचारी पंचायती राज और आम जनता के बीच में महत्वपूर्ण कड़ी हैं। रोहित ठाकुर ने कहा जिला परिषद कर्मचारियों के प्रति सरकार की उदासीनता का खामियाजा प्रदेश की आम जनता को भुगतना पड़ रहा हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 25 जून से जिला परिषद कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते पंचायतों की ग्राम सभा और आवश्यक बैठकें रद्द हो गई हैं। पंचायतों में चले हुए विकास के कार्य ठप्प हो गए हैं और बिना कर्मचारियों से पंचायती राज संस्थाएं अपाहिज प्रतीत हो रही हैं।
रोहित ठाकुर ने कहा कि कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से परिवार रजिस्टर, जन्म-मृत्यु, बीपीएल सहित आवश्यक प्रमाण पत्र जारी नहीं हो रहे, जिससे जनता और खासकर बेरोजगार युवाओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। रोहित ठाकुर ने जिला परिषद कर्मचारियों की पंचायती राज या ग्रामीण विकास विभाग में विलय की मांग को जायज़ ठहराया हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से कर्मचारियों की मांगो को जल्द-से-जल्द सुलझाकर कर्मचारियों व आम जनता को राहत देने की मांग की हैं। रोहित ठाकुर ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे विकास खंड जुब्बल के जिला परिषद कर्मचारियों से धरना स्थल पर जाकर मुलाक़ात की और उनकी समस्याओं को सुना। इस दौरान उनके साथ पंचायत समिति जुब्बल-कोटखाई की अध्यक्षा, उपाध्यक्ष, पंचायत समिति सदस्य, विभिन्न पंचायतों के प्रधान भी उपस्थित रहे।