बरोटीवाला विश्वविद्यालय में छात्रों को नशाखोरी के विरूद्ध किया जागरूक

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बद्दी एनके शर्मा ने कहा कि नशा आमजन, परिवार, समाज व देश की उन्नति के लिए एक अभिशाप है तथा नशे के सेवन से देश की युवा शक्ति नकारा हो रही है। एनके शर्मा आज सोलन जिला के नालागढ़ उपमंडल के अन्तर्गत कालूझंडा स्थित बरोटीवाला विश्वविद्यालय में नशा निवारण अभियान में उपस्थित छात्रों को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन मादक द्रव्यों के सेवन एवं मदिरा व्यसन पर रोक के लिए 15 दिसंबर, 2019 तक प्रदेश सरकार द्वारा कार्यान्वित किए जा रहे विशेष अभियान के अंतर्गत किया गया। कार्यक्रम में प्रथम भारतीय रिजर्व बटालियन बनगढ़, जिला ऊना द्वारा नशाखोरी पर आकर्षक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया। जिसमें उपस्थित छात्रों को नशे से पीडि़त व्यक्ति की सामाजिक व आर्थिक दशा पर प्रकाश डाला गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने कहा कि कि नशे के समूल नाश के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। प्रदेश सरकार द्वारा नशा उन्मूलन के लिए चलाया गया यह अभियान सराहनीय कार्य है। उन्होंने उपस्थित लोगांे से आग्रह किया कि निःसंकोच नशामुक्ति केंद्र में जाएं तथा नशे की दुष्प्रवृति से स्वयं को बचाएं। उन्होंने कहा कि नशा न केवल व्यक्ति को शारीरिक व मानसिक रूप से अक्षम बनाता है अपितु इस दुष्प्रवृति में संलिप्त व्यक्तियों के परिवार भी नष्ट हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि कि नशे की हानियों से परिचित होते हुए भी आज व्यक्ति नशा करता है और नशे का पूरी तरह आदी हो जाने पर पीडि़त व्यक्ति का नशे के चंगुल से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा कि नशे से पीडि़त व्यक्ति किसी भी प्रकार से राष्ट्र का भला नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि अक्सर व्यक्ति मानसिक परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए नशा लेना आरंभ करता है और समय के साथ उसे पता ही नहीं चलता कि कब वह नशे का आदि हो गया। एनके शर्मा ने युवाओं से आग्रह किया कि अपने आस-पड़ोस में भी नशे की हानियों के बारे में लोगों को अवगत करवाएं तथा नशे के कारोबार के संबंध में जानकारी प्राप्त होते ही तुरंत पुलिस को सूचित करें। उन्होंने कहा कि पुलिस को नशे के सौदागरों की सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाता है। पुलिस द्वारा हिमाचल ड्रग फ्री ऐप आरंभ की गई है। कोई भी व्यक्ति इस ऐप को अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड करके नशे के सौदागरों की जानकारी पुलिस को दे सकता है। उन्होंने सभी से आग्रह किया इस ऐप को अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड करें और इसका प्रयोग करें। उन्होंने अध्यापकों व अभिभावकों की भूमिका पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यदि किसी बच्चे के अभिभावक नशे के आदी हैं तो सर्वप्रथम उन्हें नशा त्यागना होगा। ऐसे अभिभावक अपना उपचार तुरंत किसी नशामुक्ति केंद्र में करवाएं। उन्होंने कहा कि अक्सर युवा किसी दबाव या देखादेखी में नशे का सेवन करते हैं और उन्हें यह पता ही नहीं चलता कि वे कब नशे के आदी बन गए हैं। उन्होंने कहा कि घर पर बच्चों के सामने किसी भी रूप में नशे का सेवन नहीं किया जाना चाहिए। इस अवसर पर छात्रों को नशे के विरूद्ध शपथ भी दिलाई गई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्राध्यापक व बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित थे।