अब टांडा में भी मिलेगी डायलिसिस की सुविधा
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जिला काँगड़ा स्थित प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल टांडा में भी अब मरीज़ो को डायलिसिस की सुविधा मिलेगी। टांडा मेडिकल कालेज प्रशासन ने राही केयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से इस संबंध में करार किया है। सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में कंपनी को डायलिसिस के लिए जगह मुहैया करवाई गई है। कंपनी ने टांडा अस्पताल में सात डायलिसिस मशीनें स्थापित कर दी हैं। एक चिकित्सक, चार स्टाफ नर्सें व दो तकनीशियन भी तैनात कर दिए हैं।
टांडा मेडिकल कालेज में नेफ्रोलाजी विशेषज्ञ न होने के कारण करीब तीन साल से डायलिसिस नहीं हो रहे थे । इसके लिए मरीजों को आइजीएमसी शिमला व पीजीआइ चंडीगढ़ में भटकना पड़ता था। मेडिसिन विशेषज्ञ डा. पंकज गुप्ता ने प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद डायलिसिस करने शुरू किए, लेकिन फिस्टुला बनवाने के लिए मरीजों को पीजीआई या आइजीएमसी शिमला ही जाना पड़ता था। डा. पंकज गुप्ता का चंबा मेडिकल कालेज तबादला होने के बाद फिर डायलिसिस बंद हो गए थे। अब ट्रांसप्लांट सर्जन डा. राकेश चौहान फिस्टुला बनाकर मरीजों को राहत पहुंचा रहे थे। निजी कंपनी से करार होने के बाद मरीजों को राहत मिलेगी और अब किडनी रोगियों को जल्द ही डायलिसिस की सुविधा जिला अस्पताल में ही मुहैया हो सकेगी।
कोरोना काल में हुई अधिक दिक्कत
कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान भी टांडा मेडिकल कालेज में डायलिसिस न होने का खामियाजा संक्रमित मरीजों को भुगतना पड़ा। कोरोना की पहली लहर में डायलिसिस के लिए मरीज आइजीएमसी शिमला रेफर किए गए। जबकि दूसरी लहर में नेरचौक मेडिकल कालेज को कोविड अस्पताल का दर्जा दिए जाने के बाद टांडा मेडिकल कालेज से मरीज डायलिसिस के लिए मंडी रेफर किए गए थे।
उद्घाटन होते ही शुरू होंगे डायलिसिस
राही केयर प्राइवेट लिमिटेड के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रविंद्र कुमार का कहना है कि डायलिसिस यूनिट में मशीनें स्थापित कर दी गई हैं। स्टाफ भी तैनात है और जैसे ही यूनिट का उद्घाटन होगा उसके बाद से डायलिसिस शुरू कर दिया जायेगा।
निशुल्क होंगे डायलिसिस
चिकित्सा अधीक्षक टांडा मेडिकल कालेज डा. मोहन सिंह का कहना है कि टांडा मेडिकल कालेज में मरीजों को अब डायलिसिस सुविधा भी सुचारू रूप से मिलेगी। सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में डायलिसिस यूनिट स्थापित की गई है। निजी कंपनी के साथ इस संबंध में करार किया गया है। मरीजों के डायलिसिस निशुल्क होंगे। डायलिसिस के बदले कंपनी को अस्पताल प्रशासन पैसा देगा।