हिमाचल वन निगम ने सिर्फ टेंडर फार्म बेचकर कमाए लाखों रुपये, 72 लाख की सेविंग भी
                                        हिमाचल प्रदेश वन निगम ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 2.17 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 8 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2023-24 में 10.04 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया। पिछले वर्ष मानसून के प्रकोप के कारण शिमला शहर में क्षतिग्रस्त हर 618 पेड़ों की लकड़ी को बेचकर भी निगम ने 2.50 करोड़ रुपये का लाभ कमाया। हाल ही में शिमला में राज्य वन विकास निगम की 214वीं निदेशक मंडल की बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी निगम के इन प्रयासों की सराहना की। इसी कड़ी में अगर सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन में स्थित वन निगम नाहन के डिवीजन ऑफिस की बात करें, तो इस ऑफिस ने सिर्फ टैंडर फार्म की बिक्री से ही 6.50 लाख रुपये कमाए। यही नहीं यहां 72 लाख की सेविंग भी की गई। वन निगम को फायदे में लाने के लिए डिवीजन ऑफिस द्वारा कुछ इनोवेशन सहित अन्य कार्य किए गए। इसी के चलते कुछ ही समय में वन निगम नाहन का यह कार्यालय कमाऊ पूत बनकर सामने आ रहा है। यही नहीं इस वित्त वर्ष में प्रॉफिट के लक्ष्य को भी करीब 2 करोड़ रुपए बढ़ाया गया है, ताकि वन निगम को ज्यादा से ज्यादा फायदे में लाया जा सके। वन निगम नाहन कार्यालय के मंडलीय प्रबंधक एके वर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 1972 में वन निगम की स्थापना की गई और तभी से जिला मुख्यालय नाहन में भी निगम का डिवीजन ऑफिस चल रहा है। जंगलों से सूखे-गिरे पेड़ों को काटने के अलावा बिरोजे से संबंधित काम वन निगम देखता है। यह कार्य वन विभाग स्वयं न करके वन निगम को देता है और निगम इन सूखे व गिरे पेड़ों को काटकर उनके लॉट बनाकर लकड़ी को डिपो के जरिए से विक्रय करता है।
