हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन सरकार के खिलाफ मुखर
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हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रीसिटी बोर्ड इम्प्लॉइज यूनियन ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इन कर्मचारियों को अब तक पुरानी पेंशन की घोषणा नहीं हो पाई है जिससे ये काफी रुष्ट है। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड पेंशनर फोरम व विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने कहा की विद्युत बोर्ड लिमिटेड 1-1-16 के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों व मौजूदा कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान का लाभ अदा करने की उचित व्यवस्था नहीं कर पाया है। आज सेवानिवृत्त कर्मचारियों को संशोधित पेंशन ग्रेच्यूटी, लीव इनकैशमेंट, कम्यूटेशन न मिलने का मुख्य कारण कर्मचारियों का संशोधित वेतनमान के बाद वेतन निर्धारण व सत्यापन का कार्य पूरा ना हो पाना है। उन्होंने बिजली बोर्ड के प्रबंधक वर्ग से मांग की
हैं कि पेशनरों व कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान का लाभ टाइमबॉन्ड अवधि में अदा करने के लिए पेंशन व वेतन सत्यापन ब्रांच में अतिरिक्त स्टाफ नियुक्त किया जाए ताकि पेंशनरों व कर्मचारियों में पनप रहा आक्रोश उग्र आंदोलन का रूप धारण ना करे। खरवाड़ा ने विद्युत बोर्ड लिमिटेड के पेंशनरों को 3% महंगाई भत्ते की किस्त जारी करने की मांग की और कहा की पुरानी पेंशन बहाली की अधिसूचना भी अति शीघ्र जारी की जाए। उन्होंने बिजली बोर्ड लिमिटेड में अतिरिक्त कार्यभार वाला प्रबंध निदेशक व निदेशक वित्त लगाने की बजाय स्थाई प्रबंध निदेशक व निदेशक वित्त नियुक्त करने की मांग की है।
खरवाड़ा ने बिजली बोर्ड के प्रबंधक वर्ग से 66 केवी व इस के ऊपर की क्षमता वाले संचार लाइनों, विद्युत केंद्रों व विद्युत गृहों का हस्तांतरण एचपीपीटीसीएल व एचपीपीसीएल को देने की मुहिम को बंद करने की मांग की। खरवाड़ा ने कहा बिजली बोर्ड का प्रबंधक वर्ग 10 जून 2010 को हिमाचल सरकार के साथ त्रिपक्षीय समझौते का सम्मान करें क्योंकि इस समझौते के तहत बिजली बोर्ड की संपत्तियों का हस्तांतरण बिजली कर्मचारियों की सहमति के बिना करना संभव नहीं है। उन्होंने प्रदेश में आरडीएसएस योजना के तहत स्मार्ट मीटरिंग की प्रक्रिया को बंद करने की मांग करते हुए कहा कि यह योजना बिजली कर्मचारियों, उपभोक्ताओं व बिजली बोर्ड लिमिटेड के हितों के खिलाफ है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बिजली बोर्ड के प्रबंधक वर्ग को कर्मचारियों व पेंशनरों की समस्याओं के समाधान के लिए उचित व जरूरी दिशा निर्देश जारी करने की मांग की है।
ये है मांगें
1. केंद्र सरकार बिजली संशोधन बिल, 2022 को बापिस ले और बिजली बोर्ड में स्मार्ट मीटरिंग बंद की जाए। यूनियन का मानना है कि यह सब बिजली कंपनी के निजीकरण के लिए लाए जा रहे है।
2. बिजली बोर्ड में वर्ष 2003 के बाद लगे कर्मचारियों को प्रदेश सरकार की तर्ज पर पुरानी पेंशन बहाल की जाए।
3. बिजली बोर्ड के उत्पादन व संचार विंग के काम को बिजली बोर्ड के पास ही रखा जाए क्योंकि इसको अलग करने से बिजली उपभोक्ताओं की दरों में बृद्धि होगी।
4. प्रदेश में लगे आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए स्थाई नीति बनाने की मांग की जिससे इन कर्मचारियों का समायोजन सम्बंधित महकमों किया जा सके।
5. बिजली बोर्ड में टीमेट व हेल्पर की पदोन्नति कर इन पदों व अन्य खाली पड़े पदों को शिघ्र भर्ती करे बिजली बोर्ड मैनेजमेंट।