दाड़लाघाट: वर्चुअल माध्यम से विश्वस्तरीय काव्य संगोष्ठी का हुआ आयोजन
विश्वस्तरीय काव्य संगोष्ठी का आयोजन हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और श्री ब्रह्म विद्योल्लसिनी ओडिशा के तत्वावधान में किया गया। यह कार्यक्रम एक नवीन परंपराओं को ध्यान में रखते हुए ज्योतिर्विद देशराज शर्मा के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य पर किया गया। कवि सम्मेलन कोरोना वायरस को देखते हुए ऑनलाइन माध्यम से करवाया गया। यह जानकारी हिमाचल संस्कृत अकादमी शिमला के पूर्व सचिव डॉ मस्तराम शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि इसमें देश व विदेश के संस्कृत विद्वानों, प्रकांड विद्वानों को संगोष्ठी में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सहारनपुर निवासी डॉ सुरेंद्र शुक्ल थे। कार्यक्रम में उमाकांत शुक्ला, रमाकांत शुक्ल, विष्णु कांत शुक्ला आदि विशिष्ट कवियों में रहे। डॉ मस्तराम शर्मा ने संस्कृति पर अपनी कविता से राष्ट्रीय एकता को सूत्रधार मानकर कविता का वाचन किया। अमेरिका से श्रीमाधव मुरलीधर देशपांडे ने कविता संस्कृत भाषा में सुनाई, डॉ केदारनारायण जोशी, डॉ बिहारी लाल शर्मा, डॉ दिवाकर दत्त शर्मा, डॉ ज्ञानेश्वर शर्मा आदि कार्यक्रम से जुड़े रहे। विदेशों में भाग लेने वाले कवियों में कुशाग्र अनिकेत अमेरिका से, मार्से लोमेली इटली से और ऐडगर लीटान जर्मनी से विक्रम दास ब्रह्मचारी यूक्रेन से प्रतिनिधि करते हुए इन्होंने संस्कृत भाषा में अपना काव्य पाठ किया तथा संस्कृत के गौरव का बखान किया। इस दौरान डॉक्टर अमृतलाल गुजरात से, आराध्या गौरव पंडित बृजेश गुजरात से, प्रवीण पौडेल नेपाल से, डॉक्टर कृष्ण चंद्र शास्त्री हरियाणा से, सह देव जोशी गुजराती, आचार्य अरविन्द पांडेय, दयाराम गौतम आसाम से, रवि दत्त शर्मा हरियाणा से, मार्कंडेय रविंद्र हरियाणा से, डॉक्टर जोगेंद्र शर्मा हरियाणा से, आचार्य अमित शर्मा राजस्थान से, डॉक्टर नंद प्रदीप कुमार उड़ीसा से, डॉ प्रमोद कुमार मिश्र असम से तथा शिव कुमार सहित अन्य कवियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।