पंचायत चुनाव मामला: हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस, अगली सुनवाई 22 को
हिमाचल में समय पर पंचायती राज चुनाव करवाने का मामला सुर्खियों में आ गया है। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में इस संदर्भ में दाखिल जनहित याचिका पर अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने सरकार से 21 दिसंबर तक जवाब तलब किया है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया व न्यायमूर्ति जिया लाल भारद्वाज की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। उल्लेखनीय है कि हिमाचल में पंचायती राज चुनाव का समय नजदीक आ रहा है। राज्य सरकार आपदा की बात कहकर चुनाव आगे खिसकाने की मंशा रखती है। इस आशय का आरोप लगाते हुए अदालत में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार जानबूझकर चुनाव में देरी कर रही है। मामले में अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होनी है।
दरअसल, 8 अक्टूबर को पंचायती राज चुनाव को टालने को लेकर मुख्य सचिव ने आदेश जारी किए थे। इस आदेश में प्रदेश में प्रॉपर कनेक्टिविटी के बाद ही चुनाव संभव होने की बात कही गई थी। आदेश में कहा गया था कि इस बार आपदा में प्रदेश को भारी नुकसान हुआ है। कनेक्टिविटी बाधित हुई है। सड़कों की हालत खराब है। कई जिलों के डीसी ने इस बारे में पंचायत राज सचिव को पत्र भी लिखा था। आदेश में बताया गया है कि हालात और कनेक्टिविटी बेहतर होने के बाद ही चुनाव संभव हो सकेगी, ताकि आम जनता एवं मतदान कर्मियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और कोई भी मतदाता सड़क संपर्क की समस्या के कारण अपने मतदान के अधिकार से वंचित न हो।
हिमाचल प्रदेश में साल 2021 में कई पंचायतों को नगर पंचायत में मिलाया गया। जिसकी वजह से प्रदेश में अब पंचायतों की संख्या घट कर 3577 रह गई है। ऐसे में इस बार प्रदेश में पड़ने वाली इन पंचायतों में 3577 प्रधान और 3577 ही उपप्रधान चुने जाएंगे। इसी तरह से पंचायतों की संख्या कम होने से वार्ड मेंबरों की संख्या भी घट कर 21,147 रह जाएगी। वहीं, प्रदेश में 10 नए विकासखंड बनाए गए हैं, जिसके बाद विकास खंडों की संख्या 81 से बढ़कर 91 हो गई है, इसलिए इन विकासखंडों के तहत पड़ने वाली समितियों के लिए होने वाले चुनाव में कुल 1766 पंचायत समिति सदस्य चुने जाने हैं। इसके अलावा प्रदेश के जिला शिमला में डोडरा क्वार एक नया जिला परिषद वार्ड बनाया गया है। इससे इस बार चुनाव में 250 जिला परिषद सदस्य चुने जाने है। ऐसे में इन बदलाव से अबकी बार पंचायती राज संस्थाओं के लिए होने वाले चुनाव में कुल 30,317 जनप्रतिनिधि चुने जाएंगे।
