हिमाचल: संजौली मस्जिद का पूरा ढांचा गिरेगा, जिला अदालत ने सुनाया फैसला, हाईकोर्ट में जानें की तैयारी
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के बहुचर्चित संजौली मस्जिद मामले में जिला अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने वक्फ बोर्ड और संजौली मस्जिद कमेटी की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए नगर निगम आयुक्त के आदेश को बरकरार रखा है। अदालत के आदेश के बाद अब संजौली मस्जिद की सभी पाँच मंजिलों को तोड़ा जाएगा। इससे पहले, 3 मई 2025 को नगर निगम आयुक्त की अदालत ने मस्जिद की निचली दो मंजिलों को गिराने के आदेश दिए थे। इस आदेश को वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी ने अदालत में चुनौती दी थी।
जिला अदालत ने अपने फैसले में माना कि यह निर्माण नगर निर्माण नियमों का उल्लंघन करते हुए किया गया था, इसलिए ध्वस्तीकरण के आदेश वैध हैं। अब नगर निगम प्रशासन को मस्जिद की सभी मंजिलें गिराने की प्रक्रिया आगे बढ़ाने का अधिकार मिल गया है। इस फैसले के बाद क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई बिना किसी भेदभाव के जारी रहेगी।
बता दें, 6 अक्तूबर को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश यजुवेंद्र सिंह ने वक्फ बोर्ड और नगर निगम के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद मामले को अंतिम आदेश के लिए 30 अक्तूबर के लिए सूचीबद्ध किया था। आज इसे लेकर फैसला आ गया है। वक्फ बोर्ड ने 17 मई को शिमला एमसी आयुक्त कोर्ट के 3 मई के आदेशों को चुनौती दी थी। आयुक्त कोर्ट ने संजौली मस्जिद को गैरकानूनी बताते हुए निचली दो मंजिलें तोड़ने का आदेश दिया था। 19 मई को सुनवाई में अदालत ने मस्जिद कमेटी के प्रधान और एमसी शिमला को समन जारी कर रिकॉर्ड तलब किया।
23 मई को एमसी को दोबारा नोटिस जारी कर रिकाॅर्ड पेश करने के लिए कहा गया। 26 मई की सुनवाई में कोर्ट ने मस्जिद तोड़ने पर अंतरिम रोक लगाई। एमसी ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। 29 मई को अदालत ने स्टे को 5 जुलाई तक बरकरार रखा। 11 जुलाई को केस को बहस योग्य माना गया जिसके बाद 8 और 21 अगस्त को वक्फ बोर्ड ने बहस के लिए समय मांगा। 6 सितंबर को करीब सवा दो घंटे तक बहस हुई। बता दें कि अब यह मामला हाईकोर्ट जाने की तैयारी पर है।
