किसी महिला का फोटो खींचना भी अपराध : हिमाचल हाईकोर्ट का बड़ा फैसला,जानिए मामला

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया है कि किसी महिला की तस्वीरें लेना भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354D के तहत पीछा करने के अपराध की श्रेणी में नहीं आता, जब तक कि महिला ने स्पष्ट रूप से आपत्ति न जताई हो और आरोपी ने फिर भी बार-बार संपर्क करने की कोशिश की हो।
यह फैसला न्यायमूर्ति राकेश कैंथला ने एक अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। कोर्ट ने कहा कि पीछा करने की परिभाषा के अंतर्गत अपराध सिद्ध करने के लिए यह आवश्यक है कि आरोपी बार-बार किसी महिला से संपर्क करने की कोशिश करे, जबकि महिला ने असहमति व्यक्त की हो।
कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर किसी महिला की इंटरनेट, ईमेल या इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यमों से निगरानी की जाती है, तो वह जरूर "पीछा करने" की परिभाषा में आ सकता है। लेकिन केवल तस्वीरें लेना, जब तक कि इसमें बार-बार संपर्क की कोशिश या निगरानी शामिल न हो, कानून की दृष्टि से पीछा करना नहीं माना जा सकता।
मामले में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि याचिकाकर्ता ने उसकी पत्नी की तस्वीरें ली थीं। कोर्ट ने पाया कि शिकायत में ऐसा कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है कि याचिकाकर्ता ने महिला का पीछा किया या बार-बार उससे संपर्क करने की कोशिश की।
कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता से हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। ऐसे में उसे हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं बनता। इस आधार पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत प्रदान कर दी। यह फैसला पीछा करने के मामलों में कानूनी व्याख्या और अधिकारों की स्पष्टता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।