कांगड़ा: केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर विशेष व्याख्यान आयोजित

केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के डॉ. सरोजिनी महिषी महिला अध्ययन अनुसंधान केंद्र ने पुण्यश्लोका अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के मौके पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और वक्ता के रूप में डॉ. किस्मत कुमार, सहायकाचार्य, डॉ. अंबेडकर अध्ययन केंद्र, हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय ने शिरकत की। डॉ. किस्मत कुमार ने अपने उद्बोधन में पुण्यश्लोका अहिल्याबाई होल्कर के जीवन और कार्यों पर प्रकाश डाला और उनके आदर्शों को अपनाने का आह्वान किया। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय से ही सहायक प्राध्यापक डॉ. श्रेया बक्शी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं और अपने विचार साझा किए। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा, मनुराधा जो वर्तमान में हिमाचल प्रदेश पुलिस प्रशासन में अपनी सेवाएं दे रही हैं, उन्होंने सारस्वत अतिथि के रूप में महिला सशक्तिकरण पर अपने विचार रखे। इस व्याख्यान का आयोजन वेदव्यास परिसर की निदेशक प्रो. सत्यम कुमारी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में हुआ। परिसर के सह निदेशक एवं वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. मंजूनाथ एस ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद प्रदान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. मोहिनी अरोड़ा, निदेशक, महिला अध्ययन अनुसंधान केंद्र ने की और धन्यवाद ज्ञापन डॉ प्रियंका ने और डॉ. दीप कुमार ने कार्यक्रम का संचालन किया। उन्होंने आने वाले दिनों में महिला सशक्तिकरण एवं उत्थान के लिए महिला अध्ययन अनुसंधान केंद्र द्वारा उठाए जाने वाले कदमो और प्रस्तावित कार्यक्रमों से भी अवगत कराया, जिनमें मुख्य रूप से महिला अध्ययन में अभिविन्यास कार्यशाला, व्यक्तित्व विकास शिविर, महिला सशक्तीकरण पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार, महिला हेल्पडेस्क शामिल है।
केंद्र की निदेशक प्रो. मोहिनी अरोड़ा ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी जी के अनुमोदन से जल्द ही इन योजनाओं को प्रारंभ किया जाएगा। प्रो. अरोड़ा ने कहा कि महिला सशक्तिकरण और उत्थान के लिए विश्वविद्यालय प्रतिबद्ध है और आने वाले दिनों में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के डॉ. सरोजिनी महिषी महिला अध्ययन अनुसंधान केंद्र द्वारा आयोजित इस विशेष व्याख्यान ने पुण्यश्लोका अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती को यादगार बना दिया। इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने अहिल्याबाई होल्कर के आदर्शों और उनके योगदान को याद किया और उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लिया।