मंडी के जलाशयों में प्रवासी पक्षियों ने जमाया डेरा, चहचहाहट से गूंज उठा क्षेत्र
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में इन दिनों प्रवासी पक्षियों की चहचहाहट से वातावरण गूंज उठा है। जिले की नदियां, झीलें और जलाशय इन पक्षियों के आगमन से भर गए हैं। हालांकि, इस साल इन प्रवासी पक्षियों की संख्या में पिछले साल के मुकाबले कुछ कमी देखने को मिली है। वन विभाग की ओर से इनकी आधिकारिक गणना नहीं की जाती, लेकिन अनुमान के आधार पर इनकी संख्या का आकलन किया जाता है।
प्रवासी पक्षी हर साल दिसंबर महीने में ठंड के कारण अपने देशों से हिमाचल के जलाशयों में प्रवास के लिए आते हैं। यह प्रवास दिसंबर से शुरू होकर फरवरी तक जारी रहता है। इनमें प्रमुख प्रजातियों के पक्षी जैसे कॉमन कूट, टफ्ड डक, मल्लार्ड, कॉमन पोचार्ड, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, लिटिल ग्रैब और कार्मोरेंट शामिल हैं। इस समय ये पक्षी मंडी जिले की ब्यास नदी, पंडोह डेम, लारजी डेम, रिवालसर झील और सुंदरनगर झील में देखे जा सकते हैं। मुख्य अरण्यपाल वन वृत मंडी, अजीत ठाकुर ने कहा, "प्रवासी पक्षी हर साल दिसंबर में आते हैं और फरवरी के अंत तक वापस चले जाते हैं। इस दौरान हमारे फिल्ड स्टाफ को इन पक्षियों की निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि इनका कोई भी नुकसान न हो। इस साल पक्षियों की संख्या पिछले साल के समान ही है।
