प्रधानाचार्य एवं मुख्याध्यापक पदोन्नति सूची शीघ्र निकाली जाए: चंद्र केश धीमान
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हिमाचल प्रदेश साईंस मास्टर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि शिक्षा विभाग ने काफी समय से मुख्याध्यापक और प्रधानाचार्य की पदोन्नति सूची जारी नहीं की है। शिक्षा विभाग द्वारा पिछले वर्ष (2023) जुलाई माह में मुख्याध्यापकों की एक पदोन्नति सूची निकाली गई थी उसके बाद मुख्याध्यापक पदोन्नति दिसम्बर माह में सम्भावित थी और विद्यालयों से पात्र अध्यापकों क नाम भी मंगवा लिए थे परन्तु बाद में बिना किसी कारण के विभाग ने नाम भिजवाने की तिथि 20/01/2024 कर दी थी। तत्पश्चात 20/01/2024 से लेकर आजतक सूची निकालने के लिए कोई भी कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई जोकि 26000 प्रशिक्षित स्नातक अध्यापकों के साथ नायनसाफ़ी है। प्रदेश में लगभग मुख्याध्यापकों के 350 पद फिर से रिक्त हो गये हैं। पदोन्नति के लिए प्रशिक्षित स्नातकों व पदोन्नत प्राध्यापकों से नाम विद्यालयों से मंगवाए जाते हैं। संघ की हमेशा से यह मांग भी रही है कि किसी भी वर्ग में जैसे ही पद रिक्त होता है उसे तुरन्त भरा जाना चाहिए या पदोन्नति सूचियां साल में दो बार निकलनी ही चाहिए।
यह बात हिमाचल प्रदेश साइंस मास्टर एसोसिएशन के प्रदेश प्रधान चंद्र केश धीमान, प्रदेश महासचिव भीम सिंह, वरिष्ठ उपप्रधान यशपाल, प्रदेश वित्त सचिव संजीव कुमार सलाहकार हरीश गुप्ता, ओम प्रकाश धीमान,अमित गुप्ता निशिकांत ने संयुक्त बयान में कही। उन्होंने कहा कि मुखियों के बिना स्कूल प्रशासन से संबंधित कार्य प्रभावित हो रहे हैं तथा मुख्याध्यापक बनने में देरी टीजीटी अध्यापकों को प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति से भी वंचित रह जाते है।
हिमाचल प्रदेश साइंस मास्टर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री माननीय सुखीविंदर सिंह सुक्खू जी व शिक्षा मंत्री माननीय रोहित ठाकुर जी से मांग करता है कि मामले में स्वयं हस्तक्षेप कर मुख्याध्यापकों की पदोन्नति सूचि 15 जुलाई से पहले पहले निकाल दी जाए क्योंकि हर माह अनेक अध्यापक 20-25 वर्ष सेवा कर बिना पदोन्नति के विना ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं और जिन्हें इतने वर्ष के सेवा काल के उपरांत एक भी पदोन्नति नहीं मिल पाती है और संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि संघ को आशा है कि इस माह में होने वाली कैबिनेट बैठक में माननीय मुख्यमंत्री श्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू जी मुख्याध्यापको और प्रधानाचार्य की पदोन्नति सूची जारी करने के लिए इस बैठक में लिया जाएगा
2. प्रशिक्षित शिक्षकों से प्रवक्ता स्कूल न्यू की सूची जारी जल्द जारी की जाना
3. शिक्षा निदेशक कार्यालय से अनुबंध आधार 2009 से नियुक्त अध्यापकों को नियुक्ति की तिथि से वित्तय लाभ प्रदान करवाने बारे
4. मुख्याध्यापक से प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति के लिए कोटे को 50% से बढ़ा कर 75% किया जाए क्योंकि इसके फीडिंग कैडर 36000 से अधिक का है जिसमे प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक पदोन्नत होकर मुख्याध्यापक बनते है
5. प्रदेश में पुनः नियुक्ति की प्रथा को पूर्ण रूप से बंद कर दिया जाए क्योंकि यह बेरोजगारों के साथ-साथ पदोन्नति की लम्बे समय से राह देख रहे कर्मचारियों के साथ बहुत बड़ा कुठाराघात है।