शिमला मेयर-डिप्टी मेयर पद को लेकर दो धड़ों में बंटे पार्षद, कैबिनेट में बदल सकता है रोस्टर
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक 25 अक्तूबर यानि कल दोपहर 12:00 बजे राज्य सचिवालय में होगी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में होने जा रही इस बैठक में कई अहम फैसले लिए जाएंगे। बैठक में आपदा राहत पैकेज, विभिन्न विभागों में चल रहे खाली पदों पर फैसला और मुख्यमंत्री की बजट घोषणाओं पर भी मंजूरी दी जा सकती है। इसके अलावा नगर निगम के रोस्टर में बदलाव को लेकर भी फैसला लिया जा सकता हैं।
आपको बता दें, नगर निगम शिमला के मेयर और डिप्टी मेयर का ढाई साल का कार्यकाल 15 नवंबर को पूरा होने जा रहा है। पार्षदों का एक गुट मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और स्थानीय विधायक हरीश जनारथा से मिला और नए पार्षदों को मेयर और डिप्टी मेयर बनने का मौका देने की मांग की है। पार्षदों के गुट ने रोस्टर में कोई बदलाव न करने का आग्रह किया है जबकि पार्षदों के दूसरा गुट मौजूदा मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यकाल बढ़ाने की मांग कर रहा है।
वहीं, वर्तमान नगर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान मुख्यमंत्री के करीबी हैं। ऐसे में पार्षदों के एक गुट द्वारा रोस्टर बदलने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। सूत्रों आगामी कल होने बाली कैबिनेट बैठक में ये प्रस्ताव लाया जा सकता है, जिसमें रोस्टर को बदलने पर चर्चा की जा सकती है और 5 साल तक वर्तमान मेयर और डिप्टी मेयर को ही कंटिन्यू किया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश में 5 नगर निगम है। सभी नगर निगम में ढाई-ढाई साल का कार्यकाल निर्धारित किया गया है। ऐसे में अगर सरकार शिमला नगर निगम के रोस्टर में संशोधन करती है तो सभी नगर निगम में बदलाव होगा। जिसके तहत सभी मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यकाल 5 साल का किया जाएगा।
अगला मेयर और डिप्टी मेयर कौन बनेगा, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। वर्तमान मेयर सुरेंद्र चौहान और डिप्टी मेयर उमा कौशल का दावा अभी भी मजबूत है। रोस्टर में संशोधन की स्थिति में ही दोनों अपने पदों पर बने रह सकते हैं। जबकि कांग्रेस के कई और पार्षद मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए दावेदारी करने की तैयारी कर रहे हैं।
