ऊना: इलाज करवाने सरकारी अस्पताल गई थी जसविंदर, महिला डॉक्टर ने भेज दिया निजी अस्पताल...और फिर....
ऊना जिला मुख्यालय के पास रक्कड़ कालोनी स्थित एक निजी अस्पताल में मंगलवार देर रात एक महिला की ऑपरेशन के दौरान मौत हो गई, जिससे अस्पताल में हंगामा मच गया। मृतका के परिजनों ने क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ महिला चिकित्सक और निजी अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। अस्पताल में हंगामे की सूचना मिलने के बाद एसएचओ ऊना सदर, मनोज वालिया ने पुलिस दल के साथ मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। मृतका के पति मोहिंदर सिंह ने बताया कि सोमवार को उन्हें अपनी पत्नी जसविंद्र कौर को इलाज के लिए क्षेत्रीय अस्पताल ऊना लाया था, जहां महिला चिकित्सक ने उनकी पत्नी के पेट में रसोली होने की जानकारी दी और ऑपरेशन की बात की। महिला चिकित्सक ने मोहिंदर को अपना मोबाइल नंबर दिया और शाम को ऑपरेशन का समय बताने के लिए कहा। शाम को जब उनकी बेटी ने महिला चिकित्सक से संपर्क किया, तो चिकित्सक के पति ने फोन उठाया और उन्हें सुबह 10 बजे क्षेत्रीय अस्पताल आने की सलाह दी, साथ ही व्हाट्सएप्प कॉल करने की नसीहत दी।
मोहिंदर ने बताया कि मंगलवार सुबह उनकी बेटियां जसविंद्र कौर को लेकर क्षेत्रीय अस्पताल गईं, जहां महिला चिकित्सक ने उन्हें रक्कड़ कालोनी स्थित निजी अस्पताल में भेजने को कहा। जसविंद्र कौर को निजी अस्पताल में ले जाया गया और शाम करीब 4 बजे सरकारी डॉक्टर ने ऑपरेशन के लिए उन्हें अस्पताल ले लिया। ऑपरेशन के कुछ समय बाद अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई और जब बेटियों ने जानकारी मांगी, तो किसी ने कुछ नहीं बताया और उन्हें मां से मिलने नहीं दिया गया। मोहिंदर ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी पूरी तरह स्वस्थ थी और रसोली का ऑपरेशन करवाने आई थी, लेकिन सरकारी अस्पताल में तैनात महिला चिकित्सक और निजी अस्पताल की लापरवाही के कारण उनकी पत्नी की मौत हो गई। परिजनों ने पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की और चेतावनी दी कि यदि महिला चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करेंगे।
निजी अस्पताल के निदेशक ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ऑपरेशन ठीक से किया गया था, लेकिन ऑपरेशन के बाद ज्यादा ब्लीडिंग और बीपी बढ़ने के कारण महिला की मौत हो गई। जब ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक का नाम पूछा गया, तो निदेशक ने नाम बताने से इंकार कर दिया, क्योंकि ऐसा करने से यह खुलासा हो जाता कि सरकारी चिकित्सक भी निजी अस्पतालों में सेवाएं दे रहे थे। जब पुलिस ने शव को कब्जे में लेने के लिए आईसीयू में प्रवेश किया, तो मृतका को वेंटिलेटर पर रखा गया था। आईसीयू में तैनात चिकित्सक ने बताया कि ऑपरेशन क्षेत्रीय अस्पताल में तैनात महिला चिकित्सक ने किया था। मृतका के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने महिला चिकित्सक और निजी अस्पताल के अन्य डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मृतका का शव पोस्टमार्टम के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है, ताकि मौत के असली कारणों का पता चल सके।
