स्ट्रोक आने पर रोगी को तुरंत अस्पताल पहुंचाना आवश्यक: डॉ. शांडिल

-3 घंटे के भीतर इंजेक्शन लगा दिया जाए तो स्वस्थ हो जाता है रोगी
-कहा, सभी जिला स्तरीय अस्पतालों में नि:शुल्क उपलब्ध है यह इंजेक्शन
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि स्ट्रोक (पक्षाघात) जैसे गंभीर रोग के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार आवश्यक है, ताकि सभी इस रोग के कारण और निवारण के विषय में जागरूक हो सकें। डॉ. शांडिल आज एमएस पंवार संचार एवं प्रबंधन संस्थान, सोलन में इस विषय पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यशाला का आयोजन अली यावर जंग नेशनल इंस्टीच्यूट आफ स्पीच एवं हियरिंग डिस्एबिलिटीज तथा एमएस पंवार संचार एवं प्रबन्धन संस्थान, सोलन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
डॉ. शांडिल ने कहा कि चिकित्सा जगत के अनुसार स्ट्रोक जैसे रोग में समय अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि स्ट्रोक की स्थिति में रोगी को तुरंत अस्पताल पहुंचाना आवश्यक है। यदि रोगी को 3 घंटे के समय के भीतर इस रोग के उपचार के लिए उपलब्ध इंजेक्शन लगा दिया जाए तो रोगी को स्वस्थ किया जा सकता है। यह इंजेक्शन प्रदेश के सभी जिला स्तरीय अस्पतालों में नि:शुल्क उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि स्ट्रोक जैसे रोग में रोगी को समय पर अस्पताल पंहुचाना और तुरंत उपचार उपलब्ध करवाना जीवनदायक सिद्ध होता है।
लोगों को स्ट्रोक के लक्षणों एवं उपचार बारे जागरूक करें
स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि विभिन्न स्तरों पर मेलों इत्यादि के आयोजन में लोगों को स्ट्रोक के लक्षणों, उपचार एवं समय के मूल्य के विषय में जागरूक बनाएं। उन्होंने कहा कि सावधानी में ही बचाव है और ऐसे विषयों में जन जागरूकता में मीडिया का रोल अत्यन्त महत्वपूर्ण है। पक्षाघात वैश्विक स्तर पर दिव्यांगता का एक प्रमुख कारण है। आंकड़ों के अनुसार 90 प्रतिशत मामलों में इससे बचा जा सकता है। इससे संबंधित कुछ जोखिम कारकों को कम करके इसे नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने ऐसी बीमारियों से बचाव के लिए नियमित ध्यान एवं योग का आग्रह किया।
डॉ. शांडिल ने स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य सम्बद्ध विभागों से आग्रह किया कि वह स्ट्रोक से बचाव के प्रचार-प्रसार के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार करें और लोगों में अपना संदेश पहुंचाने के लिए रेडियो, टेलीविजन सहित सोशल मीडिया प्लेटफार्म का भी समुचित उपयोग सुनिश्चित बनाएं।
अली यावर जंग नेशनल इंस्टीच्यूट आफ स्पीच एवं हियरिंग डिस्एबिलिटीज़ के मास मीडिया प्रमुख डॉ. मैथ्यू मार्टिन ने इस एक दिवसीय कार्यशाला की विस्तृत जानकारी प्रदान की। साई संजीवनी अस्पताल के प्रमुख डॉ. संजय अग्रवाल ने सरल शब्दों में स्ट्रोक के कारण, निवारण और इस रोग के प्रबन्धन में त्वरित कार्यवाही की जानकारी प्रदान की। उन्होंने मोबाईल एप 'एचपी टेली स्ट्रोकÓ की जानकारी भी प्रदान की।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डॉ. राजन उप्पल ने कहा कि चेहरे में बदलाव, बोलने में परेशानी, हाथ-पैर में सुन्नपन अथवा कमज़ोरी, सिर दर्द जैसे लक्षण होने पर अविलम्ब अपने समीप के अस्पताल जाएं ताकि समय पर उपचार आरम्भ हो सके। उन्होंने कहा कि रक्तचाप एवं मधुमेह जैसी बीमारियों के नियमित परीक्षण से स्ट्रोक सहित अन्य गम्भीर बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जिला में गैर संक्रामक रोगों की स्क्रीनिंग के लिए घर-घर जाकर जानकारी एकत्र की जा रही है। उन्होंने इन टीमों को सहयोग देने का आग्रह किया।