इंदौरा: हमसफर सोसायटी व कांगड़ा कला संगम ने इंदौरा कॉलेज में करवाया 'साहित्य प्रेरण' कार्यक्रम

जिला भाषा अधिकारी के सौजन्य से बुधवार को जिला स्तरीय साहित्य प्रेरण कार्यक्रम हमसफर सोसायटी व कांगड़ा कला संगम के संयुक्त तत्वावधान में राजकीय महाविद्यालय इंदौरा में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में देश-प्रदेश में अपनी हिंदी, उर्दु, पहाड़ी रचनाओं, गजलों, नज़्मों से अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके विभिन्न साहित्यकार विशेष रूप से शामिल हुए। कार्यक्रम वरिष्ठ साहित्यकार शंकर सान्याल की अध्यक्षता में हुआ, जिसमें साहित्यकार एवं गजलकार नवनीत शर्मा बतौर मुख्यातिथि सम्मिलित हुए। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। राजकीय महाविद्यालय इंदौरा की प्रधानाचार्य परवीन कुमारी ने स्वागत संबोधन किया तो वहीं दार्शनिक साहित्यकार पंकज दर्शी ने अवलोकन संबोधन किया। इस दौरान उनकी पेंटिंग की एक प्रदर्शनी भी लगाई गई।
इस दौरान देश भर में ख्याति प्राप्त प्रसिद्ध गज़़लकार नरेश निसार ने च् कपड़े हुए पसंद के उस उम्र में नसीब, जिसमें के चेहरे पर रंगत नहीं रही ने खूब तालियां बटोरीं, तो वहीं मुख्यातिथि नवनीत शर्मा ने न केवल अपनी गजलें अपने अंदाज में पढ़कर खूब महफिल लूटी बल्कि समय में ठहराव ला दिया। इस दौरान उन्होंने व नरेश निसार ने अपने गज़़ल संग्रह की पुस्तकें भी उपस्थित साहित्यकारों को भेंट कीं। वहीं सलामुदीन ने काश मैं भी वीर जवान होता कविता से सबको मंत्रमुग्ध किया, जबकि अजीज ने खत आज भी पुराने संभाल रखे हैं, इस तरह बीते जमाने संभाल रखे हैं सहित अपनी अन्य गजलों व मंच संचालन से खूब वाहवाही लूटी।
कार्यक्रम अध्यक्ष शंकर सान्याल ने पहाड़ी कविता में व्यंग्य के रंग भरकर खूब मनोरंजन किया। वहीं, रछपाल गुलेरिया, रेडियो लोक गायक किशोर धीमान व प्रतिभा शर्मा ने तरन्नुम में अपनी प्रस्तुतियां पेश कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। महाविद्यालय के डाक्टर विवेक कुमार ने च् देखा है मैने बादलों को बरसते हुएज् सहित महाविद्यालय से ही सपना, दीक्षा, सिमरन, नेहा, अंजना, सलोनी, हर्ष व शीतल ने भी काव्य पाठ किया। इस दौरान दिल्ली से स्नेह दीप ने बंजारा शीर्षक की अपनी कविता से सभी को भावविभोर किया। सभी को हमसफर सोसायटी एवं कांगड़ा कला संगम द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। अपने अध्यक्षीय संबोधन में शंकर सान्याल ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों का उद्देश्य नयी पीढ़ी को लोक संस्कृति एवं साहित्य की ओर प्रेरित करने के लिए समय की ज़रूरत है। उन्होंने नयी पीढ़ी के साहित्य, लेखन व वाचन कला की ओर रुचि में कमी होने पर चिंता भी व्यक्त की। इस अवसर पर साहित्यकार, कॉलेज स्टाफ व विद्यार्थी उपस्थित रहे।