इंदौरा : प्राचीन शिव मंदिर काठगढ़ की सुधार सभा ने मनाया स्वतंत्रता दिवस
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प्राचीन शिव मंदिर काठगढ़ की सुधार सभा की ओर से स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर सभा के प्रधान ओम प्रकाश कटोच व अन्य पदाधिकारियों द्वारा ध्वजारोहण किया गया। इसके बाद आचार्य सतीश शास्त्री जी पठानकोट वालों द्वारा प्राचीन शिव मंदिर काठगढ़ में आयोजित श्रावण मास महोत्सव के अंतर्गत प्रवचन देते हुए कहा कि महादेव भगवान शिव जी का संपूर्ण परिवार विषमता के लिए है फिर भी वैर विरोध छोड़कर परस्पर आनंदपूर्वक रहते हंै। गृहस्थ जीवन में जीने वालों को शिव परिवार की ओर से यह सबसे बड़ी शिक्षा है। शिव संसार में अतिशीघ्र प्रसन्न होने वाले तथा भक्तों को सर्वश न्योछावर करने वाले देव हंै। यह सस्ता सम्मान लेकर भक्तों को मालामाल कर देते हैं। महादेव सदा सर्वदा प्राप्त होने वाले देव हैं। वे हर पल हर घड़ी व कन कन में भक्तों को मिलने वाले तथा भक्तों के कष्ट निवारण करने वाले हंै।
उन्होंने कहा कि शिव और राम में कोई भेद नहीं है। शिव मस्तिक पर श्री राम के धनुष चिन्ह को धारण करते हैं तथा भगवान राम शिव जी के त्रिशूल का चिन्ह तिलक के रूप में अपने मस्तिक पर धारण करते हैं। परमात्मा सृष्टि के कण कण में व्याप्त होने से उसकी किसी भी बनाई गई वस्तु का विरोध नहीं करना चाहिए, चाहे वो साकार है या निराकार है। निराकार हवाई यात्रा जैसा उड़ान है, लेकिन युक्ति का सौंदर्य नहीं, साकार भूमि पर चलने वाले किसी वाहन की तरह है जो पग पग पर प्राकृतिक सौंदर्य दिखाता हुआ जन जन के मन को मोहित करता हुआ प्यारा लोभावना देव है। सभा के प्रेस सचिव सुरिंदर शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि आज सोलह अगस्त को श्रावण मास महोत्सव के आगाज पर शुरू किए गए श्रीरामचरितमानस व महाशिवपुराण मासिक पाठ का भोग डाला जाएगा, जिससे श्रावण मास महोत्सव का समापन होगा।