मसला : तीन दिन नहीं चली HRTC बस, आम लोगों में रोष

- HRTC की डाडा सीबा -तलवाड़ा- पठानकोट बस तीन दिन से सेवा में नहीं
- प्रबंधन ने नहीं दी कोई सूचना, आम जनता त्रस्त
डाडा सीबा से तलवाड़ा होते हुए पठानकोट तक चलने वाली हिमाचल पथ परिवहन निगम पठानकोट डिपो की नियमित बस सेवा बीते तीन दिनों से रूट से नदारद है। इस बस की अनुपस्थिति ने स्थानीय ग्रामीणों की दिनचर्या को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। रोज़ सुबह 6:30 बजे डाडा सीबा से चलने वाली यह बस स्यूलखड्ड, मेहड़ा, घाटी और तलवाड़ा के रास्ते फैक्ट्रियों, कॉलेजों और आईटीआई संस्थानों तक जाने वाले यात्रियों की जीवनरेखा मानी जाती रही है। लेकिन बीते सोमवार से न तो बस आई और न ही उसके बंद होने की कोई सूचना दी गई।
सोमवार, मंगलवार व बुधवार को यात्रियों की भीड़ रोज की तरह सुबह बस स्टैंड पर जमा हुई, लेकिन इंतज़ार के बाद उन्हें मायूसी और गुस्से के साथ लौटना पड़ा। फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों की शिफ्टें छूट गईं और दर्जनों छात्रों की कक्षाएं मिस हो गईं। ग्रामीणों ने मजबूरी में निजी गाड़ियों का रुख किया, जिनके किराए उनके रोजमर्रा के बजट से कई गुना ज्यादा हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह बस उनके लिए सिर्फ एक साधन नहीं, बल्कि शिक्षा और रोज़गार तक पहुँचने की ‘एकमात्र कड़ी’ है। यह बस ही सुबह की पहली और शाम की आखरी उम्मीद होती है, खासकर उन ग्रामीणों के लिए जो दूरदराज़ इलाकों से तलवाड़ा और पठानकोट तक जाते हैं। रविवार जैसे दिन भी जब अधिकतर निजी वाहन उपलब्ध नहीं होते, तब यह बस उनकी वापसी का एकमात्र सहारा होती है। ऐसे में इसका अचानक गायब हो जाना पूरे गांव के लिए एक बड़ी परेशानी बन चुकी है।
ग्रामीणों ने इस लापरवाही पर गहरी नाराज़गी जताते हुए मांग की है कि बस सेवा को तुरंत बहाल किया जाए और जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब लिया जाए। उन्होंने चेताया है कि यदि आने वाले दिनों में स्थिति नहीं सुधरी, तो वे परिवहन विभाग के खिलाफ सामूहिक विरोध करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।