सरकार की नीयत ही नहीं है कि आपदा प्रभावितों को मिले तत्काल राहत: जयराम
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नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार की नीयत ही नहीं है कि वह आपदा प्रभावितों को जल्दी से जल्दी राहत दे। अभी तक सरकार सभी आपदा प्रभावितों को फौरी राहत भी नहीं पहुंचा पाई है। पूरी सहायता राशि तो बहुत दूर की बात है। उन्होंने कहा कि आपदा से नुकसान के आंकलन में लगे राजस्व अधिकारियों को नुक़सान के आकलन के लिए सरकार किसी प्रकार प्रकार के वाहन की सुविधा उपलब्ध नहीं करवा रही है जिससे राजस्व अधिकारी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जाकर शीघ्रता से नुक़सान का आकलन करके अपनी रिपोर्ट भेज सकें। रिपोर्ट भेजे जाने के बाद शासन-प्रशासन की तरफ़ से आपदा प्रभावितों को पूरी सहायता राशि मिल सके। उन्होंने कहा कि इस बार आपदा से बहुत बड़े क्षेत्र को नुक़सान हुआ है। जिसका आँकलन करने में ज़्यादा समय लगेगा। इसलिए सरकार राजस्व अधिकारियों को आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाए। जिससे आपदा के आंकलन के कार्य में तेज़ी आये और आपदा प्रभावितों को मदद मिल सके।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विभिन्न माध्यमों से पता चल रहा है कि आपदा से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए राजस्व अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है लेकिन वह आपदा प्रभावित क्षेत्र तक कैसे पहुंचेंगे सरकार की तरफ़ से इसका कोई इंतज़ाम नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में आपदा प्रभावित ज़्यादातर क्षेत्रों में सड़कें ख़राब होने की वजह से बस सेवाएं बहाल नहीं हो पाई हैं। अत: राजस्व के अधिकारी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में राजस्व अधिकारी या तो लोगों से मदद मांग कर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं या पैदल चलकर। सरकार की इस लापरवाही का नुक़सान आपदा प्रभावित लोगों को उठाना पड़ रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब तक राजस्व अधिकारी अपनी रिपोर्ट नहीं जमा करेंगे तब तक आगे की कार्रवाई नहीं होगी। न ही आपदा से कितने लोग प्रभावित हुए है, इस बात की जानकारी मिल पाएगी और न ही लोगों को किस प्रकार से नुक़सान हुआ है, इस बात की जानकारी मिल पाएगी। राजस्व अधिकारियों द्वारा निरीक्षण करना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। इसलिए सरकार आपदा प्रभावितों के निरीक्षण में जुटे राजस्व विभाग के प्रतिनिधियों को सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाए।