जयसिंहपुर : जयसिंहपुर क्षेत्र के तरेहल ने 'फल गांव' के नाम से बनाई पहचान

-54 किसान परिवारों ने 10 एकड़ में तैयार किया मालटे का बागीचा
प्रदेश सरकार के शिवा प्रोजेक्ट की बदौलत जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र का छोटा सा तरेहल गांव फल गांव के रूप में जाना जाने लगा है। गांव के 54 किसान परिवारों ने हिमाचल प्रदेश उपोष्णकटिबंधीय बागबानी, सिंचाई और मूल्यवर्धन एचपी-शिवा परियोजना में लगभग दो करोड़ के पूर्ण सहयोग से 10 एकड़ क्षेत्र में मालटे का बगीचा तैयार कर उदाहरण पेश कर दिया है। लगभग 10 हजार मालटे की उन्नत किस्म के पौधों में तैयार फसल को देखने दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं। पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा का केंद्र बने तरेहल गांव में खरीदार भी आने लगे हैं। जंगली तथा लावारिस जानवरों के प्रकोप और सिंचाई की सुविधा के अभाव में इस गांव की बंजर पड़ी 250 कनाल भूमि किसानों की अच्छी कमाई का जरिया बन गई है। बागीचे में भूमि विकास, टपक सिंचाई सुविधा, बिजली उपलब्धता, सोलर बाड़बंदी, मशीनरी, कृषि उपकरण, उर्वरक व कीटनाश्क इत्यादि निशुल्क उपलब्ध करवाए गए हैं। इसके अतिरिक्त मालटे की पांच उन्नत किस्मों के 9929 पौधे उपलब्ध करवाए गए हैं। बागीचे में सिंचाई सुविधा के लिए एक लाख 80 हजार लीटर क्षमता के पांच टैंक, बिजली का ट्रांसफार्मर, सोलर बाड़बंदी इत्यादि पर दो करोड़ रुपए व्यय किया गया है। उद्यान विकास अधिकारी लंबागांव हितेश ठाकुर ने बताया कि विभाग ने तरेहल के किसानों को बागबानी की ओर प्रेरित किया तथा किसानों के सहयोग से तरेहल में मालटे का बागीचा तैयार किया गया है। इच्छुक परिवार संबधिंत विकास खंड कार्यालय में उद्यान विकास अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।