सुक्खू कैबिनेट में कांगड़ा इग्नोर : सतपाल सत्ती

बजट सत्र के दौरान विपक्ष हमलावर दिखा। प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों पर जहां सदन में तीखी नोकझोंक देखने को मिली वहीं, विपक्ष के नेताओं ने पिछली सरकार के काम भी गिनवाए। भाजपा के नेताओं ने संस्थानों के डी-नोटिफाई, लोकतंत्र प्रहरी सम्मान योजना को बंद करने के विरोध और आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के मुद्दे पर जमकर सरकार को घेरा। इन्हीं मुद्दों पर फर्स्ट वर्डिक्ट मीडिया द्वारा भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व ऊना सदर से विधायक सतपाल सत्ती से खास चर्चा की गयी। पेश है चर्चा के मुख्य अंश......
सवाल : बजट सत्र के दौरान विपक्ष को कई बार बोलने का मौका दिया गया इसके बावजूद भी विपक्ष द्वारा कई दफा वॉक आउट किया गया, क्या कारण रहा ?
जवाब : विपक्ष द्वारा 3 दिन विभिन्न मुद्दों पर वॉक आउट किया गया, सबसे पहले मुद्दा था लोकतंत्र प्रहरी सम्मान योजना को बंद करने का, इस सम्मान योजना को उन लोगों के लिए शुरू किया गया था, जिन लोगों ने इमरजेंसी के दौरान 19 महीने जेल में काटे थे। परन्तु कांग्रेस ने सरकार बनते ही इस सम्मान योजना को बंद कर दिया। हमने इसका विरोध किया लेकिन हमारी बात को नहीं सुना गया, जिस वजह से हमने सदन से वॉक आउट कर दिया। इसके साथ ही शिमला नगर निगम चुनाव से पहले भी कई अनियमितताएं देखने को मिली, नगर निगम के लिए वोट कौन बना सकता है और कौन नहीं, इस नियम को बार-बार बदला गया है। कांग्रेस धक्काशाही करके नगर निगम शिमला के चुनावों को जीतना चाहती है, इसलिए इस तरह के हथकंड़े अपना रही है। हमने इस पर चर्चा करना चाही तो उसे भी नहीं सुना गया। इसी तरह हमने विभिन्न मुद्दों को विधानसभा में रखा लेकिन कांग्रेस के लोगों ने किसी भी विषय पर ठीक तरह से चर्चा नहीं होने दी जिस वजह से हम सदन से बाहर आ गए। कई विषयों पर हमने चर्चा भी की और मुद्दों को सदन में रखा। हम बिना वजह सदन से वॉक आउट करने पर विश्वास नहीं रखते है। यदि सरकार ठीक तरह से कार्य करेगी तो हम भी साथ देंगे, लेकिन यदि हमारी बात को सदन में सुना नहीं जाएगा तो हम भी सरकार की बात को नहीं सुनेंगे।
सवाल : नई सरकार के पहले बजट को भाजपा ने केंद्र की कॉपी बताया मगर कांग्रेस का कहना है की केंद्र की कॉपी होना कोई नेगेटिव पॉइंट नहीं है, आप इस पर क्या कहेंगे ?
जवाब : भाजपा ने जयराम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश में कई स्कीमों को चलाया और केंद्र सरकार का भी हमें उसमें पूरा सहयोग मिला। आज के समय में भी प्रदेश में जो योजनाएं चल रही है इसमें केंद्र का पूरा सहयोग मिल रहा है, फिर चाहे वह जल जीवन मिशन हो या फोरलेनिंग का कार्य, सभी कार्य केंद्र सरकार की मदद से हो रहे है। हम कंस्यूमर स्टेट है और हमारे पास इतने साधन नहीं है कि हम अपने स्तर पर इन सब कार्यों को कर सके। नरेंदर मोदी जब से प्रधानमंत्री बने है तब से उन्होंने प्रदेश को हक़ से ज्यादा दिया है और प्रदेश का विशेष ध्यान रखा है। इसके नाते हम यह कह सकते है कि पिछली सरकार द्वारा कई जनहित की योजनाएं चलायी गयी है, जैसे हिमकेयर योजना जिससे कोई भी व्यक्ति अपने इलाज के दौरान 5 लाख तक का मुफ्त इलाज करवा सकता है, महिला गृहणी सशक्तिकरण योजना जिससे आज प्रदेश में कोई भी घर एलपीजी गैस के बिना नहीं है, इसका पूरा श्रेय केवल भाजपा को जाता है। कांग्रेस की सरकार हाल ही में प्रदेश में बनी है, इस समय जो भी उद्घाटन कांग्रेस के मंत्रियों या मुख्यमंत्री द्वारा किये जा रहे है वह सब जयराम ठाकुर की सरकार में स्वीकृत हुए थे। इनके समय में अभी किसी भी कार्य की प्रक्रिया पूरी होने में करीब डेढ़ से दो साल का समय लगेगा, डेढ़ से दो साल बाद जो कार्य होंगे वह कांग्रेस सरकार के काम होंगे लेकिन अभी जो कार्य चल रहे है वह कार्य भाजपा सरकार की देन है। यह सरकार केवल जनता को दुःख देने के लिए हैं। इन्होने संसथान बंद कर दिए, बिजली को महंगा कर दिया और इसके साथ ही इन्होने लाखो युवाओं को रोज़गार देने का वादा किया था लेकिन आउटसोर्स पर लगे हज़ारों कर्मचारियों को बहार का रास्ता दिखा दिया। मेडिकल कालेज, हेल्थ इंस्टीटूशन खाली हो गए है, जल शक्ति विभाग में स्कीमों को चलने वाला कोई नहीं बचा है। कांग्रेस सरकार का नौजवानों के प्रति अन्यायपूर्ण रवैया है जिसका हम विरोध करते है। इस विषय का हम विधानसभा के अंदर और बहार विरोध करेंगे। यदि सरकार ठीक तरह से चलती है तो हम साथ देंगे नहीं तो सरकार का विरोध किया जाएगा।
सवाल : पिछली सरकार के समय में फोरलेन के मुआवजे को लेकर विरोध हुआ है। आप भी लोअर हिमाचल से आते है और यदि देखा जाये तो लोअर हिमाचल में काफी विरोध इसे लेकर देखने को मिला है, इसपर आपका क्या पक्ष है ?
जवाब : मेरे क्षेत्र में कहीं भी विरोध नहीं हुआ है, हमारे क्षेत्र में जो भी सड़कें बनी है वहां सभी को मुआवजा मिला है। मेहतपुर से अम्ब सड़क के लिए 107 करोड़ रूपए आया था और उसमे जो भी जमीन आई उनके मालिकों को मुआवजे दिए गए है। मौजूदा समय में भी जो सड़के बन रही है जैसे किरतपुर साहिब से मनाली, परवाणू से शिमला, उन सब के मुआवजे भी दिए गए है। हम मानते है कि किसान की इच्छा होती है कि उसे उसकी जमीन का ज्यादा से ज्यादा मुआवजा मिले जिसमें कोई गलत बात नहीं है। आजकल पठानकोट हाईवे के साथ साथ कांगड़ा जिले में विभिन्न सड़कों का कार्य चल रहा है और वहां पर भी मुआवजे को लेकर आवाज़ उठ रही है। उन्हें भी उचित मुआवजा मिलना चाहिए, यह जनता का हक़ है, हम इसका समर्थन करते है, लेकिन पिछली सरकार के समय मुआवजा नहीं मिला ऐसा कहना उचित नहीं है, क्यूंकि यह केंद्र सरकार का पैसा है और उनके माध्यम से ही पैसा दिया जाता है। इसमें हमारी सरकार की कोई कमी नहीं थी और केंद्र की स्कीमों में भी कोई कमी नहीं है। ऊना में पीजीआई का कार्य शुरू हुआ है, एम्स के कार्य का एक पोरशन 1347 करोड़ में समाप्त कर हम आगे बढ़ रहे है। मेडिकल कालेज का कार्य भी आगामी एक से डेढ़ साल में पूरा हो जायेगा और केंद्र सरकार द्वारा अरबों रूपए उसके लिए दिया जा रहा है। इसके साथ ही मदर चाइल्ड हॉस्पिटलस भी प्रदेश में बनने है। ऐसे ही बहुत सारे कार्य प्रदेश में केंद्र सरकार की मदद से हो रहे है। हम भी कोशिश करेंगे की प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा पैसा आये ताकी प्रदेश का विकास हो सके। प्रधानमंत्री ने पहले भी प्रदेश के लिए कोई कमी नहीं रखी है और आगे भी हमें पूरा विश्वास है कि वह प्रदेश को पूरा सहयोग देंगे। प्रदेश को हज़ारों करोड़ का बल्क ड्रग पार्क दे दिया, मेडिकल डिवाइस पार्क दे दिया जो कांग्रेस की कल्पना से बाहर की बाते है। कांग्रेस उन कार्यों के बारे में सपने में भी नहीं सोच सकती जो केंद्र की मोदी सरकार ने प्रदेश की जयराम सरकार को दिए है। कांग्रेस पार्टी आने वाले पांच वर्षों में यदि उन कार्यों को पूरा कर देगी तो वो भी इनकी बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।
सवाल : काँगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने की बात की गयी है। ऊना भी कांगड़ा के साथ लगता जिला है क्या इससे ऊना को भी लाभ होगा ?
जवाब : कांगड़ा बहुत सुन्दर जिला है और उसे टूरिज्म कैपिटल बनाने की बात सरकार ने की है, जिसका हम स्वागत करते है। लेकिन सरकार इसमें कुछ कर के दिखाए तो बात बनेगी। इन्होंने पहले भी धर्मशाला को प्रदेश की दूसरी राजधानी बनाने की बात कही थी लेकिन वहां इन्होंने एक रूपए का कार्य भी नहीं किया। धर्मशाला में विधानसभा बना दी गयी लेकिन वहां केवल 4 दिन तक सत्र चलता है, जब तक सेटल होने की बात आती है तब तक विधानसभा समाप्त हो जाती है। भाजपा ने कांगड़ा के लिए बहुत कुछ किया है, एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, एजुकेशन बोर्ड, सेंट्रल यूनिवर्सिटी भाजपा की देन है। इसके साथ ही इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम भी भाजपा की देन है, जिससे कांगड़ा में पर्यटन को चार चाँद लगे है। केवल नाम देने से कुछ नहीं होगा, उसे तरजीह देना भी बहुत जरूरी है। इसके साथ ही कैबिनेट में कांगड़ा को इग्नोर किया गया है, कांग्रेस के 10 विधायक होने के बावजूद भी केवल 1 मंत्री पद दिया गया है और शिमला से 7 विधायक होने के बावजूद भी 3 मंत्री दिए गए है। कांगड़ा को कांग्रेस पार्टी द्वारा इग्नोर किया गया है। कांग्रेस की सरकार जब जब भी आती है तो लोअर हिमाचल के साथ हमेशा अन्याय करती है, उसी तरह का अन्य क्षत्रों में भी कांग्रेस ऐसा ही कर रही है।
सवाल : इस बार मुख्यमंत्री भी लोअर हिमाचल से है, आपको क्यों लगता है कि इस बार भी लोअर हिमाचल को इग्नोर किया जाएगा?
जवाब : कांग्रेस को लगता है कि अप्पर हिमाचल में उनका कैडर है और उनकी ज्यादा सीटें आती है इसलिए व अप्पर हिमाचल में ज्यादा जोर लगाते है। भाजपा का रुख साफ़ है कि हर क्षेत्र में काम किया जाए क्यूंकि सीटें तो आती जाती रहती है। पिछली बार भाजपा की कांगड़ा से ज्यादा सीटें थी, इस बार कांग्रेस की है और अगली बार हमारी आ जाएगी। इसके नाते सभी क्षेत्रों का विकास सम्मान होना चाहिए। केवल टूरिज्म कैपिटल का नाम देने से कुछ नहीं होगा, उसे लेकर कांग्रेस क्या कार्य करती है यह आने वाले पांच वर्ष बताएंगे। यदि यह पांच साल टिकते है तो इनके पांच सालों के किए गए काम का लेखा जोखा हम पांच वर्षों के बाद बताएंगे।