कांगड़ा की प्राथमिक पाठशाला बंडोल को "विप्रो आर्थियंस" पुरस्कार से नवाजा गया

कांगड़ा जिले की प्राथमिक पाठशाला बंडोल को "सस्टेनेबिलिटी और बायोडायवर्सिटी" प्रोजेक्ट में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए शूलिनी यूनिवर्सिटी, सोलन में आयोजित एक भव्य समारोह में विप्रो फाउंडेशन और इको विज्ञान फाउंडेशन द्वारा प्रतिष्ठित "विप्रो आर्थियंस" पुरस्कार से नवाजा गया। यह पुरस्कार पाठशाला को पर्यावरण जागरूकता और संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए पहले भी मिले स्टेट इनवायरनमेंट लीडरशिप अवार्ड और ग्रीन स्कूल अवार्ड की कड़ी में एक और बड़ी उपलब्धि के रूप में प्राप्त हुआ है।
प्रोजेक्ट के अंतर्गत वर्षभर चलने वाली पर्यावरण से जुड़ी गतिविधियों के माध्यम से बच्चों ने सतत विकास और जैव विविधता की अवधारणा को बारीकी से समझा। इको क्लब इंचार्ज, सुनील धीमान ने बताया कि पाठशाला में बच्चों को बचपन से ही पर्यावरण संरक्षण का महत्व सिखाया जाता है, ताकि वे अपने आस-पास के पर्यावरण से जुड़ें और पर्यावरण संरक्षण की संस्कृति का विकास कर सकें। इस पुरस्कार वितरण समारोह में शूलिनी यूनिवर्सिटी के चेयरमैन, हिमाचल शिक्षा विभाग शिमला और सोलन से शिक्षा उपनिदेशक एवं साइंस सुपरवाइजर, चयनित पाठशालाओं के इको क्लब इंचार्ज और बच्चे भी उपस्थित रहे।