बेरोज़गार अध्यापकों का सवाल, नियमित भर्तियां कब होगी सरकार
![Unemployed teachers question, when will the government have regular recruitment](https://www.firstverdict.com/resource/images/news/image19616.jpg)
पिछले लम्बे समय से सरकार के आगे नौकरी की गुहार लगाने वाले बेरोज़गार अध्यापक अब चुप बैठने को तैयार नहीं दिख रहे। नई भर्ती न होने से बेरोजगार अध्यापक संघ हिमाचल प्रदेश सरकार से खासा नाराज़ है और संघ ने कांगड़ा शहर में नौ अप्रैल को संविधान बचाओ रोष मार्च निकालने का फैसला लिया है। संघ का कहना है कि यह रोष मार्च नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की गलत नीतियों के खिलाफ निकाला जा रहा है। संघ ने आरोप लगाया है कि ये दोनों नेता पिछले दरवाजे से हुई शिक्षकों की भर्तियों का समर्थन कर रहे हैं, जो देशहित में नहीं है। हिमाचल प्रदेश बेरोजगार अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष निर्मल सिंह धीमान, महासचिव राजेश धीमान तथा मीडिया प्रभारी प्रकाश चंद ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 176 कमीशन पास भाषा अध्यापकों को एसएमसी शिक्षकों के स्थान पर नहीं भेजा है, जो कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना है। उन्होंने कहा कि 2555 एसएमसी शिक्षकों की भर्तियां कांग्रेस एवं भाजपा सरकारो ने ही की थी। ये दोनों सरकारें एसएमसी पॉलिसी की क्लाज नंबर 9 और 10 का उल्लंघन करके एसएमसी शिक्षकों को सेवा विस्तार देती रही। यही कारण है कि बेरोजगार अध्यापक संघ कांगड़ा शहर में नौ अप्रैल को संविधान बचाओ रोष मार्च रैली निकाल रहा है। यह रोष मार्च सुबह 11 बजे और शाम तीन बजे के बीच होगा। रोष मार्च हर जिला में तब तक जारी रहेंगे, जब तक 2555 एसएमसी शिक्षकों के स्थान पर नियमित शिक्षक नहीं पहुंच जाते। इस मार्च में बेरोजगारों के अभिभावक भी हिस्सा लेंगे।
बेरोजगार अध्यापक संघ का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 17-7-2012 को बनाई गई एसएमसी पॉलिसी के तहत की गई नियुक्तियों को जिस उद्देश्य पूर्ति के लिए की गयी थी, उसे सही माना है। यदि उपरोक्त एसएमसी पॉलिसी ठीक है तो उसमें लगाई गई तमाम शर्तों का अनुसरण करना भी अनिवार्य है। इस एसएमसी पॉलिसी की शर्त नंबर 9 और 10 यह कहती है कि हर साल नया सिलेक्शन प्रोसेस होगा और पहले से तैनात एसएमसी शिक्षक की सेवाओं को किसी भी सूरत में आगामी शैक्षणिक स्तर के लिए सेवा विस्तार नहीं दिया जा सकता तथा जैसे ही नियमित शिक्षक आएगा, उसकी सेवाएं अपने आप समाप्त हो जाएंगी। पर 2013 से लेकर आज तक सरकार ने हर साल सिलेक्शन नहीं किया बल्कि हर साल एक-एक साल के लिए 2555 एसएमसी शिक्षकों की सेवा में लगातार विस्तार किया है।
नियमित शिक्षकों की भर्ती क्यों नहीं हुई ?
हिमाचल प्रदेश बेरोजगार अध्यापक संघ का कहना है कि 2555 शिक्षकों की भर्तियां बिना कमीशन के की गयी है। कांग्रेस और भाजपा ने 2012 से 2018 तक 15 हजार शिक्षक बैकडोर से भर्ती किए, जिससे लाखों बेरोजगारों का तथा लाखों विद्यार्थियों का जीवन बर्बाद हो गया है। संघ का कहना है कि बैकडोर भर्ती से शिक्षा की गुणवत्ता भी गिरती है तथा संविधान की अवमानना भी होती है। इसलिए जयराम सरकार जनता को स्पष्ट करे कि चार साल में 2555 एसएमसी शिक्षकों के स्थान पर नियमित शिक्षकों की भर्ती क्यों नहीं की गई। हिमाचल प्रदेश बेेरोजगार अध्यापक संघ ने सरकार से मांग है कि एसएमसी शिक्षकों को अब सेवा विस्तार न दिया जाए प्रशिक्षित बेरोज़गार अध्यापको को मौका दिया जाए।