दलबदल और बगावत ने रोचक बनाई बंजार की जंग
भाजपाई कांग्रेसी हो गए और कांग्रेस वाले भाजपाई। बंजार में इस बार सियासत रोमांच से गुलजार रही है। विधानसभा चुनाव से कुछ वक्त पहले भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और दो बार विधायक रहे खीमी राम ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। तो चुनाव के दौरान टिकट न मिलने से खफा होकर कांग्रेस के आदित्य विक्रम सिंह भाजपा में चले गए। आदित्य विक्रम सिंह वीरभद्र सरकार में मंत्री रहे स्व कर्ण सिंह के पुत्र है और 2017 में इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी थे। वे इस बार भी टिकट चाहते थे लेकिन पार्टी ने खीमी राम को तवज्जो दी जिसके बाद वे भाजपा में शामिल हो गए। वहीं भाजपा ने इस बार भी इस सीट से सीटिंग विधायक सुरेंद्र शौरी को ही टिकट दिया है।
बंजार की सियासत को समझने के लिए यहाँ का सियासी इतिहास भी समझना होगा। ये सीट भाजपा का गढ़ रही है और 1982 से 2017 तक हुए 9 विधानसभा चुनाव में यहाँ भाजपा 6 बार जीती है और कांग्रेस सिर्फ तीन बार। इस सीट पर महेश्वर सिंह ने 1977 पर जनता पार्टी और 1982 में भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1985 में कांग्रेस के सत्य प्रकाश जीते। 1990 में भाजपा ने यहाँ से कर्ण सिंह को टिकट दिया और वे जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। इसके उपरांत 1993 में सत्य प्रकाश और 1998 में कर्ण सिंह जीते। पर 2003 में भाजपा ने यहां से खीमीराम को टिकट दिया और पार्टी का ये दावं सही पड़ा। 2007 में भी खीमीराम ही जीते। इस बीच दो बार भाजपा के विधायक रहे कर्ण सिंह कांग्रेस में शामिल हो चुके थे और 2012 में वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी जीत गए। कर्ण सिंह मंत्री भी बने लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले उनका निधन हो गया। उनके निधन के बाद कांग्रेस ने उनके पुत्र आदित्य विक्रम सिंह को टिकट दिया। उधर भाजपा ने भी खीमीराम का टिकट काटकर सुरेंद्र शौरी पर दांव खेला। तब शौरी चुनाव जीत गए।
अब मौजूदा चुनाव में सुरेंद्र शौरी का मुकाबला पूर्व भाजपाई खीमी राम से है जो कांग्रेस में शामिल हो चुके है। जहाँ आदित्य विक्रम के भाजपा में जाने का लाभ शौरी को मिल सकता है, वहीँ हितेश्वर सिंह की बगावत ने उनके समीकरण प्रभावित किये है। इस पर खीमीराम की इस क्षेत्र में अच्छी पकड़ है और उन्हें हल्का नहीं आँका जा सकता। सरकार के खिलाफ एंटी इंकमबैंसी के साथ-साथ ओपीएस और महंगाई जैसे चुनावी मुद्दों का लाभ भी उन्हें मिलता दिख रहा है। ऐसे में बंजार में रोचक मुकाबला तय है।