ऊना में इस बार कौन सा सतपाल ?
2017 के विधानसभा चुनाव नतीजों में भाजपा का आंकड़ा 44 पहुंच गया था, लेकिन जीते हुए उम्मीदवारों की सूची में दो मुख्य नाम नदारद थे। एक थे भाजपा के सीएम फेस प्रो. प्रेम कुमार धूमल और दूसरे तत्कालीन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती। 2017 के चुनाव में दोनों नेताओं को हार का मुँह देखना पड़ा था। कहा जाता है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती यदि उस दौरान जीत जाते, तो वे सीएम पद के प्रबल दावेदार थे। मुमकिन था कि ऊना को मुख्यमंत्री मिल गया होता। पर ऐसा हो न सका और सत्ती दौड़ से बाहर हो गए। सतपाल सिंह सत्ती वो नेता है जिन्होंने छात्र राजनीति से अपना करियर शुरू कर पार्टी प्रदेशाध्यक्ष पद तक का सफर तय किया। 2017 के चुनाव में भले ही सतपाल सिंह सत्ती चुनाव हारे हो लेकिन उनका रसूख कायम रहा। प्रदेश में जयराम सरकार बनी और 2020 में सत्ती को कैबिनेट रैंक देकर राज्य के छठे वित्त आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। इस बीच 2019 के अंत तक प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर भी वे बने रहे। वे भाजपा प्रदेश कोर कमेटी के सदस्य भी है। अब सत्ती पांचवी बार ऊना सदर सीट से मैदान में है और चौथी जीत को लेकर आश्वस्त भी।
उधर, कांग्रेस ने एक बार फिर वर्तमान विधायक सतपाल रायजादा को टिकट दिया है। रायजादा और सत्ती तीसरी बार आमने -सामने है। पहली बार दोनों 2012 में मैदान में थे और तब सतपाल सत्ती करीब 4700 वोट से जीते थे। इसके बाद 2017 में सतपाल रायजादा ने हिसाब बराबर किया और करीब तीन हज़ार वोट से सतपाल सत्ती को हराया। रायजादा को लेकर इस बार भी क्षेत्र में एंटी इंकम्बेंसी नहीं दिखती। इसके अलावा ओपीएस और महिलाओं को पंद्रह सौ रुपये जैसे कांग्रेस के वादे भी उनकी जीत के दावे को प्रबल करते है। बहरहाल मतदान हो चुका है और दोनों के जीत के दावों के बीच नजदीकी मुकाबला तय है। निसंदेह इस बार ऊना सदर सीट पर कड़ा मुकाबला हुआ है और संभव है यहाँ जीत-हार का अंतर बेहद कम रहे।